
#कोलेबिरा #जतरा_मेला : कंजोगा क्षेत्र में सदियों पुरानी सांस्कृतिक परंपरा के तहत आयोजित दो दिवसीय मेला भव्य धार्मिक अनुष्ठानों और रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ।
- दो दिवसीय कंजोगा जतरा मेला में हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति।
- मेले का आयोजन 9–10 दिसंबर 2025 को, नेहरू युवा क्लब कंजोगा द्वारा।
- मुख्य अतिथियों में दुतामी हेमरोम, सुनिता देवी, वीरेंद्र किंडो, अनूप कच्छप सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित।
- कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक ढोल-नगाड़ों व पूजा-अर्चना के साथ।
- रात में नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिसमें पवन रॉय, जगदीश बड़ाइक, राजदेव नायक, सुहाना देवी समेत कई कलाकारों की प्रस्तुति।
- मंच संचालन प्रभात साहू ने किया और आयोजन में ग्रामीणों व समिति सदस्यों का विशेष योगदान रहा।
कंजोगा क्षेत्र की सदियों पुरानी सांस्कृतिक पहचान को समर्पित दो दिवसीय कंजोगा जतरा मेला इस वर्ष भी अत्यंत उल्लास और धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। शाहपुर पंचायत के कंजोगा में 9 और 10 दिसंबर 2025 को नेहरू युवा क्लब द्वारा आयोजित इस मेले में हजारों लोगों ने भाग लिया। मेला स्थल पर स्थानीय पुजार और पहान ने परंपरागत पूजा संपन्न कर आयोजन की शुरुआत की। रात्रि में नागपुरी संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को जीवंत कर दिया। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इस आयोजन को क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का अनमोल हिस्सा बताया।
कंजोगा जतरा मेला: संस्कृति और आस्था का अनूठा संगम
कंजोगा मेला हर वर्ष पुष महीने में आयोजित किया जाता है और धान कटनी के बाद ग्रामीणों के लिए यह सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है। मेले की शुरुआत स्थानीय पुजार और पहान द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा-अर्चना से हुई। ढोल-नगाड़ों की थाप पर ग्रामीणों ने आगंतुकों का स्वागत किया। महिला मंडल समूह ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
अतिथियों का स्वागत समिति के सदस्यों द्वारा बैच और बुके भेंटकर सम्मानपूर्वक किया गया। इसके बाद सभी अतिथियों ने सामूहिक रूप से फीता काटकर मेले और सांस्कृतिक रात्रि कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य रूप से कोलेबिरा प्रखंड प्रमुख दुतामी हेमरोम, उप प्रमुख सुनिता देवी, प्रखंड विकास पदाधिकारी वीरेंद्र किंडो, अंचलाधिकारी अनूप कच्छप, वार्ड सदस्य ज्योति देवी, भाजपा एसटी मोर्चा जिला महामंत्री मुनेश्वर तिर्की, समाजसेवी विनोद कुमार डब्ल्यू, पूर्व सांसद प्रतिनिधि चिंतामणि कुमार, शाहपुर पंचायत के उप मुखिया रणधीर प्रसाद सिंह, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष अशोक इंदवार, युवा मोर्चा महामंत्री महेश सिंह, भाजपा जिला मंत्री दिलेश्वर सिंह, कृष्णा दास, प्रफुल्ल साहू सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
अधिकारियों के विचार
वीरेंद्र किंडो ने कहा: “जतरा मेला सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विरासत और भाईचारे का प्रतीक है। ऐसे आयोजनों से आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।”
अनूप कच्छप ने कहा: “ऐसे आयोजन हमारी परंपरा को जीवंत रखते हैं। ग्रामीण एक दूसरे के साथ मिलकर सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करते हैं।”
दुतामी हेमरोम, सुनिता देवी और ज्योति देवी ने कहा: “धान कटनी के बाद यह मेला हमारी परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे और भव्य बनाने में सभी ग्रामीणों का सहयोग आवश्यक है।”
मुनेश्वर तिर्की ने कहा: “जतरा मेला हमारी सदियों पुरानी सांस्कृतिक धरोहर है, जो कला और परंपरा को संरक्षित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
अशोक इंदवार, चिंतामणि कुमार और रणधीर प्रसाद सिंह ने कहा: “जतरा सिर्फ एक मेला नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और पूर्वजों की अमूल्य देन है।”
सांस्कृतिक संध्या: कलाकारों की मोहक प्रस्तुतियाँ
रात्रि में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मेले की भव्यता को और बढ़ा दिया। क्षेत्र के लोकप्रिय गायक जگदीश बड़ाइक ने भक्ति वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद मशहूर नागपुरी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से:
- पवन रॉय
- जگदीश बड़ाइक
- राजदेव नायक
- सुहाना देवी
- अंजली देवी
- सुनिता नायक
- वादक हुलास महतो (मांदर सम्राट)
ने धमाकेदार प्रस्तुतियाँ दीं।
डांसर माया दास और रिया टोप्पो के शानदार नृत्य ने मंच पर जमकर तालियां बटोरीं।
पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन प्रभात साहू ने कुशलता से किया।
आयोजन में समिति और ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भूमिका
नेहरू युवा क्लब कंजोगा की समिति, पदाधिकारियों और ग्रामवासियों ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। दो दिनों तक चले इस उत्सव में सुरक्षा, व्यवस्था, सांस्कृतिक संचालन और स्वागत में ग्रामीण सक्रिय रूप से लगे रहे।
न्यूज़ देखो: कंजोगा मेला सांस्कृतिक पहचान का मजबूत आधार
कंजोगा में आयोजित जतरा मेला सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि सांस्कृतिक अस्तित्व और सामाजिक एकजुटता की जीवंत मिसाल है। प्रशासन और ग्रामीणों के सहयोग से यह आयोजन हर वर्ष नई ऊंचाइयों को छू रहा है। क्षेत्रीय संस्कृति, लोककला और पारंपरिक जीवनशैली को जीवित रखने वाले ऐसे कार्यक्रम समाज की जड़ों को मजबूत करते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संस्कृति से जुड़े, समाज से आगे बढ़ें
कंजोगा मेला हमें याद दिलाता है कि हमारी असली शक्ति हमारी परंपराओं, त्योहारों और सामाजिक एकता में बसती है। ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर शामिल होना सिर्फ संस्कृति को सम्मान देना नहीं बल्कि अपने भविष्य को मजबूत करना भी है।
आज का युवा जब अपनी मिट्टी और पहचान से जुड़ेगा, तभी समाज नई दिशा पाएगा।
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