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ठेठईटांगर में ग्रामसभा मंच का दो दिवसीय विशेष कार्यशाला सम्पन्न

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#सिमडेगा #ग्रामसभा : विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी समेत कई जनप्रतिनिधियों ने सीएनटी एक्ट और पेसा कानून पर दी जानकारी
  • ठेठईटांगर विवाह मंडप भवन में दो दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन।
  • अध्यक्षता समर्पण सुरीन ने की, मुख्य अतिथि रहे विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी
  • सीएनटी एक्ट 1908 की कानूनी जानकारी विधायक ने विस्तार से दी।
  • अजय एक्का ने ग्रामसभा की भूमिका और संवैधानिक महत्व पर प्रकाश डाला।
  • अनूप लकड़ा ने पेसा कानून की शक्तियों और अधिकारों की जानकारी दी।
  • बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण हुए शामिल।

सिमडेगा जिले के ठेठईटांगर विवाह मंडप भवन में ग्रामसभा मंच द्वारा आयोजित दो दिवसीय विशेष कार्यशाला का सफल समापन हुआ। इस कार्यशाला की अध्यक्षता समर्पण सुरीन ने की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी, जिप सदस्य अजय एक्का और अनूप लकड़ा मौजूद रहे।

सीएनटी एक्ट पर विधायक का संबोधन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम ब्रिटिश काल में बनाया गया था, जिसका उद्देश्य आदिवासी, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों की भूमि की सुरक्षा करना है।

विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने कहा: “सीएनटी एक्ट आदिवासी और स्वामित्व की रक्षा करता है। इस कानून के तहत आदिवासी अपनी भूमि गैर-आदिवासियों को नहीं बेच सकते और समान समुदाय में भी जिलाधिकारी की अनुमति से ही खरीद-बिक्री संभव है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि छह साल से अधिक समय के लिए भूमि को लीज पर देना भी अवैध है और इसका मुख्य मकसद भूमि संबंधी धोखाधड़ी को रोकना है।

ग्रामसभा की भूमिका पर चर्चा

जिप सदस्य अजय एक्का ने ग्रामसभा के संवैधानिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243ए के तहत ग्रामसभा एक स्थायी निकाय है, जिसके सभी मतदाता सदस्य होते हैं।

अजय एक्का ने कहा: “ग्रामसभा योजनाएं बनाने, कार्यक्रमों को मंजूरी देने और विकास कार्यों की निगरानी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”

पेसा कानून पर जानकारी

अनूप लकड़ा ने पेसा कानून 1996 की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कानून अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में ग्रामसभाओं के माध्यम से स्वशासन का अधिकार देता है।

अनूप लकड़ा ने कहा: “पेसा कानून आदिवासी समुदायों को जल, जंगल और जमीन पर अधिकार देता है और अवैध भूमि हस्तांतरण को रोकने में मदद करता है।”

बड़ी संख्या में लोग रहे उपस्थित

इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीण शामिल हुए। इनमें नेलसन केरकेट्टा, प्रखंड प्रमुख बिपिन पंकज मिंज, सूचित बागे, रजनी बागे, भींसेंट कुल्लू, श्याम सिंह, सूरज सिंह, प्रदीप सिंह, सुशील एक्का, रूपूष तिर्की, मनोहर जोजो, सरस्वती देवी, सीपीरियन समद, अजहर कुल्लू, बेंजामिन डुंगडुंग, बीरबल बड़ाइक, जॉन्सन डांग, जोहान बारला, दसरत सिंह, बिक्रम बरवा, प्रकाश केरकेट्टा, कलिंदर प्रधान, तुरतन सुरीन, अनिल डुंगडुंग, जॉर्जिन समद, प्रिसिला डुंगडुंग, प्रभा बारला, सिल्वेस्टर बा, समसोन लुगुन सहित अनेक लोग शामिल रहे।

न्यूज़ देखो: कानूनी जागरूकता से ही होगा सशक्तिकरण

ठेठईटांगर में हुआ यह विशेष कार्यशाला स्पष्ट करता है कि आदिवासी समाज में कानूनी शिक्षा और जागरूकता कितनी जरूरी है। सीएनटी एक्ट और पेसा कानून जैसे प्रावधान तभी प्रभावी होंगे जब लोग इनके अधिकार और जिम्मेदारियों को समझेंगे। यह पहल समाज को संगठित और सुरक्षित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूकता से ही बदलेगा समाज

इस कार्यशाला ने यह साबित कर दिया कि जब लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होते हैं, तभी वास्तविक बदलाव संभव है। हमें भी अपने आसपास ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए और समाज में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना चाहिए। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता की यह मशाल और दूर तक पहुंचे।

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Birendra Tiwari

सिमडेगा

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