
#हुसैनाबाद #खेलप्रतियोगिता : युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्र में खेलों की चमक से गूंजा एकौनी गांव
- मेरा युवा भारत, पलामू के तत्वावधान में दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन।
- 200 से अधिक युवा-युवतियों ने फुटबॉल, कबड्डी, दौड़, लंबी कूद और रस्सी कूद में भाग लिया।
- डॉ. बबन बैठा और सतीश शर्मा जैसे अतिथियों ने युवाओं को खेल के महत्व पर प्रेरित किया।
- एकौनी की फुटबॉल टीम और लोटनियां की कबड्डी टीम ने अपने-अपने खेलों में जीती बाजी।
- प्रतियोगिता का उद्देश्य – ग्रामीण प्रतिभाओं को पहचान देना और खेलों के माध्यम से एकता को बढ़ावा देना।
हुसैनाबाद (पलामू)। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में मेरा युवा भारत, पलामू द्वारा हुसैनाबाद प्रखंड के एकौनी गांव में दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद जी की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन कर की गई। आयोजन ने पूरे गांव में उत्साह का माहौल पैदा कर दिया, जहां 200 से अधिक युवा और युवतियों ने अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
विविध खेलों में दिखा जोश और प्रतिस्पर्धा
प्रतियोगिता में फुटबॉल, कबड्डी, लंबी कूद, दौड़ और रस्सी कूद जैसे खेलों का आयोजन हुआ। फुटबॉल मुकाबले में एकौनी गांव की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पिपरडीह गांव की टीम को दो गोल से पराजित किया। वहीं कबड्डी प्रतियोगिता में लोटनियां की टीम ने बिरसा क्लब को सात अंकों से हराकर विजेता स्थान प्राप्त किया।
दौड़ प्रतियोगिता में युवाओं और युवतियों ने अपनी पूरी ऊर्जा के साथ हिस्सा लिया। 400 मीटर दौड़ में संजीव कुमार प्रथम, शुभम कुमार द्वितीय और दीपक कुमार पाल तृतीय स्थान पर रहे। 200 मीटर दौड़ में निर्जला कुमारी ने प्रथम स्थान, प्रिया कुमारी ने द्वितीय और प्रीति कुमारी ने तृतीय स्थान हासिल किया।
रस्सी कूद प्रतियोगिता में प्रिया रानी प्रथम, सुष्मिता कुमारी द्वितीय और पुष्पा कुमारी तृतीय स्थान पर रहीं, जबकि लंबी कूद में शुभम कुमार ने प्रथम और तृतीय दोनों स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
अतिथियों के विचार और प्रेरक संदेश
मुख्य अतिथि भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. बबन बैठा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।
डॉ. बबन बैठा ने कहा: “खेल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक हैं। यह अनुशासन, मेहनत, टीम वर्क और नेतृत्व सिखाने का माध्यम हैं।”
पूर्व राष्ट्रीय युवा समन्वयक सतीश शर्मा ने कहा कि पहले खेल को केवल मनोरंजन का साधन माना जाता था, लेकिन अब यह एक पेशेवर करियर विकल्प के रूप में उभर रहा है।
सतीश शर्मा ने कहा: “आज खेल युवाओं के लिए जीवन जीने की प्रेरणा बन चुके हैं। इससे आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना का विकास होता है।”
वरिष्ठ अभिभावक देवंत राम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे आयोजन युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर देते हैं और यह साबित करते हैं कि ग्रामीण लड़कियाँ भी किसी से कम नहीं हैं।
देवंत राम ने कहा: “इन आयोजनों से गांव की छिपी प्रतिभाएँ सामने आती हैं। यह गर्व की बात है कि हमारी बेटियाँ भी खेलों में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं।”
आयोजन की सफलता में युवाओं की अहम भूमिका
कार्यक्रम को सफल बनाने में कई स्थानीय युवाओं ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। कोच शुभम कुमार, जयकुमार पासवान, प्रकाश कुमार, संजीव पाल, सोनू पाल, दीपक कुमार पाल, प्रेम गिरि, आयुष कुमार, श्रवण कुमार, पवन कुमार, नैतिक कुमार, लव कुमार, और विशाल कुमार सहित अन्य युवा मंडल सदस्यों ने आयोजन की रूपरेखा और संचालन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उनके सामूहिक प्रयासों से प्रतियोगिता अनुशासित और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। ग्रामवासियों ने भी बढ़-चढ़कर सहभागिता निभाई, जिससे आयोजन एक उत्सव का रूप ले सका।
न्यूज़ देखो: खेल के जरिये ग्रामीण भारत की उभरती ताकत
यह आयोजन दिखाता है कि जब सरकार की पहल स्थानीय स्तर पर पहुंचती है, तो उसका असर गहरा और प्रेरणादायक होता है। एकौनी की यह प्रतियोगिता न केवल खेल प्रतिभाओं को सामने लाने का मंच बनी, बल्कि ग्रामीण युवाओं में आत्मविश्वास और एकता का भाव भी जगाया।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खेल ही है जीवन की प्रेरणा
खेल केवल जीत या हार नहीं, बल्कि जीवन की सीख हैं। यह हमें अनुशासन, सहयोग, परिश्रम और सकारात्मक सोच का संदेश देते हैं। ग्रामीण भारत में ऐसे आयोजन युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा देते हैं और समाज में एक नई चेतना जगाते हैं।
अब समय है कि हम सब खेलों को जीवन का हिस्सा बनाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं और ग्रामीण प्रतिभाओं का हौसला बढ़ाएं।




