
#सिमडेगा #भारतीय_सेना : कठिन परिश्रम और सही मार्गदर्शन से साकार हुआ वर्दी पहनने का सपना
- लचरागढ़ निवासी जस्टिन डांग और सुदामा मांझी का भारतीय सेना में चयन।
- दोनों युवाओं ने पहले ही प्रयास में मेरिट के साथ सफलता हासिल की।
- ‘मुझे कुछ करना है’ प्रशिक्षण केंद्र से आठ माह की कड़ी तैयारी का परिणाम।
- रवि शंकर साहनी, अविनाश साहू और विजय लकड़ा के मार्गदर्शन में मिली सफलता।
- चयन से लचरागढ़, जलडेगा और पूरे सिमडेगा जिले में खुशी की लहर।
बानो (सिमडेगा)।
कहते हैं कि कठिन परिश्रम और सही मार्गदर्शन मिल जाए तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। इस कथन को सच कर दिखाया है लचरागढ़ के दो होनहार युवाओं जस्टिन डांग और सुदामा मांझी ने, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में भारतीय सेना में चयन पाकर न केवल अपना सपना साकार किया, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
दोनों युवाओं का चयन ‘मुझे कुछ करना है’ प्रशिक्षण केंद्र से तैयारी के बाद हुआ है। बीते आठ महीनों से लगातार कड़ी मेहनत और अनुशासित प्रशिक्षण के बल पर उन्होंने मेरिट में स्थान बनाते हुए इंडियन आर्मी की वर्दी पहनने का गौरव हासिल किया है। चयन के बाद लचरागढ़, जलडेगा और सिमडेगा जिले में खुशी और गर्व का माहौल है।
कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम
जानकारी के अनुसार, संचालक सह शिक्षक रवि शंकर साहनी, समाजसेवी सह उपसंचालक अविनाश साहू और प्रशिक्षक विजय लकड़ा के नेतृत्व में दोनों युवाओं ने शारीरिक, मानसिक और रणनीतिक तैयारी पर विशेष ध्यान दिया। नियमित अभ्यास, अनुशासन और आत्मविश्वास ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
संचालक रवि शंकर साहनी ने कहा कि जस्टिन डांग और सुदामा मांझी ने प्रशिक्षण के दौरान अनुकरणीय अनुशासन और समर्पण दिखाया।
“पहले प्रयास में ही सफल होना उनके जुनून और तैयारी के प्रति ईमानदारी को दर्शाता है,”
उन्होंने कहा।
छोटे स्थान से बड़ी सफलता
उपसंचालक अविनाश साहू ने कहा कि लचरागढ़ जैसे छोटे स्थान से युवाओं का भारतीय सेना में चयन होना न सिर्फ चयनित युवाओं के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि
“हम चाहते हैं कि इस सफलता से प्रेरित होकर ज्यादा से ज्यादा युवा सेना और अन्य सेवाओं की तैयारी में जुटें।”
अन्य छात्रों के लिए बनी प्रेरणा
बताया गया कि वर्तमान में सिमडेगा और लचरागढ़ में सैकड़ों छात्र सेना की तैयारी में जुटे हुए हैं। जस्टिन और सुदामा की सफलता ने इन सभी युवाओं में नया जोश भर दिया है। प्रशिक्षण केंद्र के छात्रों ने दोनों चयनित युवाओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
जल्द शुरू होगी ट्रेनिंग
सभी आवश्यक सत्यापन प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद जस्टिन डांग और सुदामा मांझी को जल्द ही सेना की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा। उनके चयन से क्षेत्र में देशसेवा की भावना और मजबूत हुई है।

न्यूज़ देखो: मेहनत की जीत
लचरागढ़ के इन दो युवाओं की सफलता यह साबित करती है कि संसाधनों की कमी भी मजबूत इरादों के आगे बाधा नहीं बन सकती। सही मार्गदर्शन, निरंतर अभ्यास और आत्मविश्वास से कोई भी युवा अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
युवाओं के नाम संदेश
अगर आप भी सेना या किसी अन्य सेवा में जाना चाहते हैं, तो आज से ही लक्ष्य तय करें, अनुशासन अपनाएं और मेहनत से पीछे न हटें। इस प्रेरक खबर को साझा करें और युवाओं को आगे बढ़ने का हौसला दें।





