
#चंदवा #सड़कदुर्घटना : बिना निर्धारित स्टॉप पर बसों की मनमानी से बिगड़ी यातायात व्यवस्था—ट्रैक्टर और कार की जोरदार टक्कर में टली बड़ी दुर्घटना
- रांची–चतरा एनएच तथा रांची–मेदिनीनगर मार्ग पर बसों का अनियंत्रित ठहराव लगातार बढ़ा रहा खतरा।
- चीरो (बोदा पंचायत) के ग्रामीणों से भरी ट्रैक्टर ने सीएचसी चंदवा के पास कार को मारी जोरदार टक्कर।
- कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त, मगर चालक सहित सभी लोग सुरक्षित बचे।
- प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया—अचानक बसों के रुकने और खराब मोड़ से बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं।
- चंदवा पुलिस मौके पर पहुंची, जाम हटाकर स्थिति को किया नियंत्रित।
- स्थानीय नागरिकों ने बसों के अनधिकृत ठहराव पर रोक और चिन्हित स्टॉप निर्धारित करने की मांग की।
चंदवा क्षेत्र में रांची–चतरा राष्ट्रीय राजमार्ग और रांची–मेदिनीनगर रोड पर बिना निर्धारित स्टॉप वाले स्थानों पर बसों के मनमाने ढंग से रुकने से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। यातायात व्यवस्था चरमरा रही है और वाहन चालकों की जान रोज़ाना खतरे में पड़ रही है। स्थानीय लोगों ने बार–बार शिकायत की, लेकिन अभी तक प्रशासनिक स्तर पर कोई खास कदम नहीं उठाया गया है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है।
शनिवार की शाम इसी अव्यवस्था के बीच एक बड़ा हादसा टल गया। स्थापना दिवस समारोह से लौट रहे ग्राम चीरो के ग्रामीणों से भरी ट्रैक्टर जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदवा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंची, तभी एक कार से जोरदार भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। बावजूद इसके, कार चालक और अन्य सभी लोग सुरक्षित रहे और किसी प्रकार की गंभीर चोट की खबर नहीं मिली। घटना के बाद सड़क पर कुछ देर के लिए जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एनएच पर अचानक बसों के रुकने के कारण वाहनों की रफ्तार बाधित होती है और एक झटके में पूरी लेन अवरुद्ध हो जाती है। वहीं सड़क के कई हिस्सों में मोड़ बेहद खराब हैं, जिससे खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हादसे की सूचना मिलते ही चंदवा पुलिस मौके पर पहुंची और यातायात को नियंत्रित करते हुए स्थिति को सामान्य किया।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर केवल चिन्हित स्थानों पर ही बस स्टॉप तय किए जाएं और नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए। लोगों का कहना है कि जब तक अनधिकृत ठहराव पर रोक नहीं लगेगी, तब तक दुर्घटनाएं इसी तरह होती रहेंगी और लोगों की जान जोखिम में पड़ी रहेगी।
बिना निर्धारित स्टॉप वाली बसों से बढ़ रही अव्यवस्था
चंदवा के दोनों महत्वपूर्ण मार्ग—रांची–चतरा और रांची–मेदिनीनगर—पर सुबह से रात तक बड़ी संख्या में बसें चलती हैं। यात्रियों की सुविधा के नाम पर बसें जहां-तहां रुक जाती हैं। इससे न केवल स्पीड कम होती है, बल्कि पीछे से आने वाले वाहनों को अचानक ब्रेक लगाना पड़ता है, जो दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनता जा रहा है।
लोगों का कहना है कि बार-बार प्रशासन को शिकायत देने के बावजूद कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। इससे बस संचालकों का मनोबल बढ़ा हुआ है और वे सड़क नियमों की अनदेखी करते हुए मनमाने ढंग से वाहनों को रोकते हैं।
दुर्घटना के बाद उत्पन्न हुई स्थिति
शनिवार शाम की घटना में ट्रैक्टर–कार की भिड़ंत के बाद कुछ समय के लिए सड़क जाम हो गई। कार चालक और ट्रैक्टर सवार ग्रामीणों को किसी प्रकार की गंभीर चोट नहीं लगी, जिसे लोगों ने बड़ी राहत माना।
चंदवा पुलिस तत्परता के साथ मौके पर पहुंची और दोनों वाहनों को किनारे करवाकर यातायात सामान्य कराया।
नागरिकों की बढ़ती नाराजगी और मांग
स्थानीय नागरिकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रशासन को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करनी होगी। उनका कहना है कि:
- बसों के अनधिकृत ठहराव पर तुरंत रोक लगे।
- केवल चिन्हित बस स्टैंड या स्टॉप ही निर्धारित किए जाएं।
- सड़क के खराब मोड़ों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।
- पुलिस की नियमित निगरानी बढ़ाई जाए।
लोगों ने यह भी कहा कि जब तक कठोर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है।
न्यूज़ देखो: अनियंत्रित बस रुकावट—प्रशासनिक सुस्ती की पोल
इस खबर से साफ झलकता है कि चंदवा में सड़क सुरक्षा व्यवस्था कई स्तरों पर कमजोर है। राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे महत्वपूर्ण रूट पर बसों का मनमाना ठहराव प्रशासन की निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए बस संचालकों पर कड़ी कार्रवाई और ट्रैफिक प्रबंधन को मजबूत करना बेहद जरूरी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित सड़कें नागरिकों का अधिकार
चंदवा में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं का सीधा संबंध अव्यवस्थित यातायात और प्रशासनिक शिथिलता से है। अब समय है कि नागरिक भी सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक हों और गलत गतिविधियों का विरोध करें। हर व्यक्ति अपनी सतर्कता के माध्यम से दूसरे की जान बचा सकता है।
सुरक्षित राहें तभी संभव हैं जब बस संचालक नियम मानें और प्रशासन उन पर सख्त निगरानी रखे।
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