
गढ़वा #PMAY आवास : खाली घर, अधूरी सड़क और टूटी उम्मीदें—विभा प्रकाश ने सुनी लोगों की शिकायतें
- गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र के महूराम बिन टोला में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने कई घर खाली और अधूरे पड़े हैं
- ग्रामीणों का आरोप—घटिया निर्माण से दीवारें कमजोर और छतें असुरक्षित
- सड़क, बिजली और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव, बुजुर्ग और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित
- नगर परिषद अध्यक्ष पद की भावी प्रत्याशी विभा प्रकाश ने किया दौरा, ग्रामीणों से संवाद
- विभा प्रकाश का आश्वासन—भ्रष्टाचार पर रोक और हर समस्या का समाधान प्राथमिक लक्ष्य
अधूरे घर और अधूरी उम्मीदें
गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र के महूराम बिन टोला में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बने घर अब चिंता का विषय बन गए हैं। जिन गरीब परिवारों को सुरक्षित आवास का सपना दिखाया गया था, वे आज भी कच्चे हालात में रह रहे हैं। घरों का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया, दीवारें कमजोर हैं और छतें किसी भी समय गिर सकती हैं। जिन भवनों में लोगों को रहना चाहिए था, वे खाली पड़े हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि “हमारे सपनों का घर अब हमारी सबसे बड़ी चिंता बन चुका है।”
बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी
महूराम बिन टोला के लोग केवल मकान ही नहीं बल्कि सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं। अधूरी सड़कों और बिजली के पोलों के अभाव ने उनके जीवन को और कठिन बना दिया है। बच्चे स्कूल जाने में परेशान होते हैं, वहीं बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचना बेहद मुश्किल है। शिक्षा और स्वास्थ्य की कमी से पूरा इलाका पिछड़ेपन का शिकार है।
बुजुर्गों और बच्चों की पीड़ा
ग्रामीणों ने बताया कि सबसे ज्यादा बुजुर्ग और बच्चे प्रभावित हैं। स्कूल जाने में कठिनाई और स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता ने स्थिति और गंभीर कर दी है। लोगों ने कहा कि “बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं और बुजुर्ग बिना देखभाल के जीने को मजबूर हैं।” इस पर कोई सुनवाई न होने से आमजन निराश और असहाय महसूस कर रहे हैं।
विभा प्रकाश का दौरा और जनता से संवाद
इस कठिन परिस्थिति के बीच नगर परिषद अध्यक्ष पद की भावी प्रत्याशी विभा प्रकाश ने महूराम बिन टोला का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद किया और हर समस्या को गंभीरता से सुना। विभा प्रकाश ने कहा:
“कोई भी नागरिक अपने अधिकारों से वंचित नहीं रहेगा। भ्रष्टाचार पर रोक लगाना और हर समस्या का समाधान करना हमारी प्राथमिकता है।”
उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही निर्माण कार्य, सड़क और बिजली की आपूर्ति को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दौरा सिर्फ निरीक्षण नहीं बल्कि जनता के लिए एक आशा की किरण है।
ग्रामीणों की भावनाएं और उम्मीद
दौरे के दौरान कई ग्रामीण भावुक हो उठे। किसी ने बच्चों की शिक्षा की परेशानी बताई, तो किसी ने बुजुर्ग माता-पिता के स्वास्थ्य की चिंता साझा की। विभा प्रकाश ने हर मुद्दे को ध्यान से सुना और भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज़ अनसुनी नहीं जाएगी। लोगों का मानना है कि इस दौरे ने उनके जीवन में बदलाव की उम्मीद जगाई है।
बदलाव की दिशा में संकेत
महूराम बिन टोला की यह स्थिति केवल अधूरे घरों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाती है कि सरकारी योजनाएं जमीन पर क्यों पूरी नहीं हो पातीं। विभा प्रकाश का दौरा इस बात का संकेत है कि जब जनता और नेता मिलकर समस्याओं को सामने लाते हैं, तभी वास्तविक बदलाव संभव है।
न्यूज़ देखो: जमीनी हकीकत से उठती पीड़ा की पुकार
महूराम बिन टोला का यह मामला दिखाता है कि योजनाओं का कागज़ी लाभ और वास्तविक ज़मीन की हकीकत में कितना अंतर है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी पहलें तभी सफल होंगी जब भ्रष्टाचार और लापरवाही पर रोक लगे। न्यूज़ देखो मानता है कि यह खबर सिर्फ पीड़ा की कहानी नहीं, बल्कि जिम्मेदार कार्रवाई की मांग है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सकारात्मक सोच से बदलाव संभव
हर समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब उसकी बुनियादी ज़रूरतें पूरी हों। महूराम बिन टोला की यह कहानी हमें सजग नागरिक बनने और आवाज़ उठाने की प्रेरणा देती है। हमें मिलकर प्रयास करना होगा कि हर योजना का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और कोई भी परिवार अपने अधिकार से वंचित न रहे।
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