
#लातेहार #पर्यावरण_अभियान : मां के सम्मान में वृक्षारोपण — मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में प्रकृति से जुड़ाव की नई मिसाल
- लातेहार के डीडीसी सैयद रियाज अहमद ने किया “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान का शुभारंभ
- मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में हुआ पौधरोपण, छात्रों में दिखा उत्साह
- डीडीसी ने कहा: “हर घर, हर स्कूल से जुड़ें इस अभियान से, पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें”
- डीएसई, समाज कल्याण पदाधिकारी, यूनिसेफ और AISA संस्थाओं के प्रतिनिधि भी रहे मौजूद
- इको क्लब के बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली और अभियान में सक्रिय भागीदारी की
विद्यालय परिसर से शुरू हुई हरियाली की यह मुहिम
मंगलवार को लातेहार जिले में एक सकारात्मक और प्रेरणादायक पहल की शुरुआत हुई जब “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान के तहत डीडीसी सैयद रियाज अहमद ने मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में पौधरोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और पर्यावरण का संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने सभी से अपील की कि अपने घर, मोहल्ले, स्कूल और खेतों में कम से कम एक पेड़ अपनी मां के नाम जरूर लगाएं, और जब तक वह बड़ा न हो जाए, उसकी देखभाल भी उसी स्नेह से करें जैसे मां अपने बच्चों की करती है।
डीडीसी सैयद रियाज अहमद ने कहा: “पेड़ हमें जीवनदायक ऑक्सीजन देते हैं और प्रकृति की रक्षा में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं। हमें इन्हें सिर्फ लगाना नहीं, बल्कि संकल्प लेकर संरक्षित भी करना चाहिए।”
अधिकारियों ने साझा किए विचार, बच्चों ने ली शपथ
इस कार्यक्रम में डीएसई गौतम कुमार साहू ने पर्यावरणीय असंतुलन की बढ़ती चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि इको सिस्टम की रक्षा हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में चल रहे इको क्लब इस दिशा में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं और इन्हें समुदाय स्तर तक फैलाने की आवश्यकता है।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेंब्रम ने वृक्षों की तुलना मां से करते हुए कहा कि “जिस प्रकार मां निःस्वार्थ सेवा करती हैं, उसी प्रकार वृक्ष भी बिना किसी स्वार्थ के हमारी रक्षा करते हैं।”
व्यापक भागीदारी और प्रेरक वातावरण
इस आयोजन में प्राचार्य तृप्ति भारती ने इको क्लब के बच्चों के साथ डीडीसी का स्वागत किया और कहा कि यह अभियान बच्चों को प्रकृति से जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम बन सकता है।
मौके पर उप प्राचार्य नरेंद्र कुमार पांडेय, क्षेत्रीय परियोजना समन्वयक संजीत कुमार, एथल किस्पोट्टा, AISA (Asia Institute of Sustainable Development) के प्रतिनिधि मुकेश कुमार, आयुष सिंह, और यूनिसेफ के सदस्य भी उपस्थित थे। बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली और संकल्प लिया कि वे इस अभियान को अपने गांवों और मोहल्लों में भी पहुंचाएंगे।
न्यूज़ देखो: पेड़ों से बंधा भावनात्मक रिश्ता
न्यूज़ देखो इस अनूठे अभियान की सराहना करता है, जो मातृत्व और पर्यावरण के बीच एक भावनात्मक पुल का कार्य कर रहा है। वृक्षारोपण को केवल औपचारिकता न बनाकर यदि उसे रिश्ते में पिरोया जाए, तो संरक्षण की भावना स्वाभाविक रूप से विकसित होगी। यह पहल हर गांव, हर स्कूल और हर दिल तक पहुंचनी चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
हरियाली की ओर एक कदम, संवेदनशीलता की ओर एक सोच
“एक पेड़ मां के नाम” अभियान हमें यह सिखाता है कि प्रकृति से जुड़ाव भी एक भावनात्मक जिम्मेदारी हो सकती है। आइए, हम सभी अपने जीवन में एक पेड़ लगाकर अपनी मां को समर्पित करें — और इस पहल को एक जन आंदोलन में बदल दें। इस खबर को ज़रूर शेयर करें, और अपने मित्रों व परिवारजनों को भी इस अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।