#जामताड़ा #कांग्रेसशोकसभा : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी पहुंचे जूरगुडीह गांव — परिवार को दी आर्थिक सहायता, भविष्य में संपूर्ण सहयोग का आश्वासन
- कांग्रेस नेता दिनेश मुर्मू के असमय निधन से जामताड़ा में छाया मातम
- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गांव पहुंचकर परिजनों से की मुलाकात
- परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की गई, बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी ली
- मृत्यु को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए मंत्री ने भावुक संदेश दिया
- अचानक हार्ट अटैक और वैक्सीन साइड इफेक्ट को लेकर जांच का भरोसा
कांग्रेस संगठन को बड़ा झटका, मंत्री भावुक
जामताड़ा कांग्रेस के सक्रिय नेता और संगठन के मजबूत स्तंभ दिनेश मुर्मू के असमय निधन की खबर से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी बेहद व्यथित नजर आए। उन्होंने इसे न सिर्फ राजनीतिक बल्कि व्यक्तिगत क्षति बताया।
मंत्री ने जताया शोक, गांव पहुंच परिजनों को दी ढांढस
जैसे ही उन्हें दिनेश मुर्मू के निधन की सूचना मिली, डॉ. अंसारी तुरंत जामताड़ा के जूरगुडीह गांव पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की और भरोसा दिलाया कि वे इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा: “दिनेश जी मेरे संघर्ष के साथी थे, हमनें कदम से कदम मिलाकर कांग्रेस को खड़ा किया। आज उनका जाना सिर्फ पार्टी का नहीं, मेरा व्यक्तिगत नुकसान है।”
परिवार को आर्थिक मदद और शिक्षा की जिम्मेदारी
डॉ. अंसारी ने मौके पर परिवार को आर्थिक सहायता दी और भरोसा दिलाया कि बच्चों की शिक्षा, घर की आवश्यकताओं सहित हर ज़िम्मेदारी वह स्वयं निभाएंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि परिवार अब सिर्फ दिनेश जी का नहीं, उनका भी है।
अचानक मौतों को लेकर जताई गंभीर चिंता
मंत्री ने लगातार हो रही युवाओं की मौत और हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक विषय है और यह जांच की जरूरत है कि कहीं इसका संबंध कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट से तो नहीं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के नाते इसकी गंभीर जांच करवाने का आश्वासन दिया।
न्यूज़ देखो: जब राजनीति में संवेदनशीलता हो तो भरोसा कायम रहता है
‘न्यूज़ देखो’ यह मानता है कि जब नेता दुख की घड़ी में सिर्फ सांत्वना नहीं, ज़िम्मेदारी उठाते हैं, तो लोकतंत्र और मानवता दोनों मजबूत होते हैं। मंत्री इरफान अंसारी का यह कदम केवल राजनीतिक कर्तव्य नहीं, एक इंसानी फर्ज है। यह उदाहरण समाज के लिए प्रेरणा है कि राजनीति केवल कुर्सी की नहीं, रिश्तों और जिम्मेदारियों की भी होती है।
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संवेदनशील नेतृत्व और सामाजिक एकजुटता की आवश्यकता
ऐसे समय में समाज को जागरूक, स्वस्थ और संगठित रहने की जरूरत है। मृत्यु के कारणों की जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
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