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नगर परिषद की निर्माणाधीन दुकानों पर मचा बवाल, एसडीएम ने की सघन जांच – निविदा और आवंटन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवाल

#गढ़वा #नगर_परिषद : चिनियां मोड़ के निकट निर्माणाधीन दुकानों की जांच में अनियमितताओं और निविदा प्रक्रिया पर उठे सवालों से शहर में पारदर्शिता की मांग बढ़ी

गढ़वा नगर परिषद द्वारा निर्माणाधीन दुकानों की जांच ने शहर में लंबे समय से चल रही शिकायतों को नए सिरे से उजागर कर दिया है। गुरुवार को उपायुक्त के निर्देश पर एसडीएम संजय कुमार चिनियां मोड़ कंट्रोल रूम के पास पहुंचे और दुकानों के निर्माण कार्य और आवंटन प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जांच की। स्थानीय फुटपाथ विक्रेता और व्यापारी बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए और उन्होंने नगर परिषद पर चुनाव से पहले जल्दबाज़ी में दुकानों का निर्माण कर कुछ विशेष लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया।

एसडीएम की सघन जांच और निर्देश

एसडीएम संजय कुमार ने मौके पर उपस्थित प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश दिया कि भूमि स्वामित्व दस्तावेज, आवंटन नियमावली, आवंटियों की सूची, पात्रता मानक, भुगतान शर्तें, निविदा प्रकाशन और भूमि की प्रकृति से संबंधित सभी अभिलेख शीघ्र प्रस्तुत किए जाएं।

एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “जांच में यदि किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।”

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने सफाई देते हुए बताया कि वित्तीय संकट के कारण दुकानों का निर्माण और आवंटन पीपीपी मोड में किया गया। उनका कहना था कि इस योजना से नगर परिषद को राजस्व प्राप्त होगा, स्थानीय व्यापार बढ़ेगा और शहर की व्यवस्था बेहतर होगी।

स्थानीय लोगों की नाराजगी और गंभीर सवाल

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यदि योजना वास्तव में स्थानीय व्यापार को सशक्त बनाने के उद्देश्य से थी, तो निविदा प्रक्रिया में अन्य स्थानीय ठेकेदारों को भी शामिल किया जाना चाहिए था। इसके अलावा निर्माण के बाद दुकानों का वितरण वहीं के विस्थापितों को किया जाना चाहिए था, न कि अन्य पूंजीपतियों को।

एक स्थानीय व्यापारी ने कहा: “नगर परिषद की सफाई केवल जिम्मेदारी से बचने का प्रयास लगती है, जबकि वास्तविक समस्या अब भी जस की तस है।”

जांच के बाद अन्य स्थानों पर बनी दुकानों को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। खादी बाजार, गढ़वा बस स्टैंड, नगर थाना के सामने पार्क के बगल में और फुटबॉल स्टेडियम के पास बनी दुकानों के निर्माण और आवंटन पर स्थानीय लोगों ने गंभीर सवाल उठाए। नागरिकों ने आरोप लगाया कि ठेकेदारों, नेताओं और नगर परिषद अधिकारियों की मिलीभगत से इन दुकानों का निर्माण जल्दबाज़ी में किया गया और आवंटन केवल चहेते लोगों को दिया गया।

पारदर्शिता और प्रशासनिक सख्ती की मांग

स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने अनुरोध किया है कि पिछले एक वर्ष में बनी सभी दुकानों का पूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत किया जाए और स्वतंत्र जांच टीम गठित कर विस्तृत जांच की जाए। उनका मानना है कि इससे वर्षों से हो रही शिकायतों का न्याय सुनिश्चित होगा और भविष्य में ऐसी धांधलियों पर रोक लगेगी।

एक अन्य नागरिक ने कहा: “स्थानीय व्यापार तभी बढ़ेगा जब निविदा प्रक्रिया में स्थानीय लोगों को सम्मिलित किया जाएगा और दुकानों का वितरण सही तरीके से किया जाएगा।”

न्यूज़ देखो: गढ़वा नगर परिषद दुकानों की जांच में पारदर्शिता की मांग ने शहर में चिंता बढ़ाई

यह मामला स्पष्ट करता है कि नगर परिषद के निर्माण और आवंटन कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी लंबे समय से गंभीर चिंता का विषय रही है। स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों की आवाज़ यह दर्शाती है कि प्रशासनिक सख्ती और स्वतंत्र जांच आवश्यक है। यदि इन मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में ऐसी धांधली के मामले बढ़ सकते हैं।

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