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वाहन जांच अभियान में हंगामा, परिवहन पदाधिकारी के रवैये पर उठे सवाल

#गुमला #वाहनजांच : चंदाली के समीप चले अभियान में 135 वाहनों पर कार्रवाई — हेलमेट वितरण में गड़बड़ी और अधिकारियों के दुर्व्यवहार पर बवाल

अभियान का उद्देश्य और प्रशासनिक कार्रवाई

गुमला जिला प्रशासन ने शनिवार को सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुमला-लोहरदगा रोड स्थित नया समाहरणालय चंदाली के पास विशेष वाहन जांच अभियान चलाया। इस दौरान यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 135 वाहनों का चालान काटा गया। अधिकारियों का कहना था कि अभियान का मकसद सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों और घायलों की संख्या को कम करना है।

हेलमेट वितरण को लेकर विवाद

अभियान के दौरान प्रशासन की ओर से 25 लोगों को हेलमेट बांटने की घोषणा की गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सिर्फ 2–4 लोगों को ही हेलमेट दिया गया, जबकि कागज पर 25 लोगों का नाम दर्ज किया गया। हेलमेट वितरण की सूची भी सार्वजनिक नहीं की गई, जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। इस आरोप ने अभियान की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए।

वाहन चालकों के साथ कथित दुर्व्यवहार

कई वाहन चालकों और स्थानीय लोगों ने बताया कि परिवहन विभाग के कर्मियों द्वारा डंडे से वाहन और लोगों पर प्रहार किया गया। कुछ ने यह भी कहा कि परिवहन पदाधिकारी ज्ञान शंकर जायसवाल का रवैया काफी कठोर था और वे वाहन चालकों के साथ असम्मानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे थे। इस वजह से मौके पर हंगामा की स्थिति पैदा हो गई और लोग प्रशासनिक कार्रवाई से असंतुष्ट नजर आए।

कांग्रेस नेता का हस्तक्षेप और नाराजगी

हंगामे की सूचना पर असंगठित कामगार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुख्तार आलम घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने परिवहन पदाधिकारी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका व्यवहार उनसे भी बेरुखा रहा। मुख्तार आलम ने बताया कि उन्होंने खुद को परिचित करवाने के बावजूद भी सम्मानजनक संवाद नहीं मिला। उन्होंने तुरंत ही लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत और गुमला एसपी को मामले से अवगत कराया।

मुख्तार आलम ने कहा: “वाहन जांच अभियान जरूरी है, लेकिन लोगों के साथ दुर्व्यवहार अस्वीकार्य है। अगर अधिकारियों के रवैये में सुधार नहीं हुआ तो कांग्रेस पार्टी इस मामले में कड़ा कदम उठाएगी।”

सड़क सुरक्षा और जनता की नाराजगी

गुमला जिले में लगातार सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौत और घायल होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस स्थिति में वाहन जांच अभियान बेहद आवश्यक है ताकि यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित हो। लेकिन जब जनता को अभियान के नाम पर अत्याचार और अव्यवस्था झेलनी पड़े तो यह उद्देश्य खोखला लगता है। लोगों का कहना है कि विभाग को नियमों का पालन करवाने के साथ-साथ जनता से संवेदनशील व्यवहार भी करना चाहिए।

न्यूज़ देखो: प्रशासनिक सख्ती या जनता की परेशानी?

यह मामला दिखाता है कि कानून लागू करने की कार्रवाई तभी सफल होगी जब उसमें पारदर्शिता और संवेदनशीलता हो। गुमला में वाहन जांच अभियान निश्चित रूप से सड़क सुरक्षा के लिहाज से अहम है, लेकिन यदि आम नागरिकों को इससे अपमान और परेशानी झेलनी पड़े तो यह चिंता का विषय है। न्यूज़ देखो मानता है कि विभागीय सख्ती और जनता के सम्मान के बीच संतुलन जरूरी है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिकता से ही बनेगा बेहतर समाज

वाहन जांच अभियान जैसी पहलें तभी कारगर होंगी जब प्रशासन पारदर्शिता रखे और जनता सहयोगी बने। हमें यातायात नियमों का पालन करना चाहिए और साथ ही अधिकारियों से अपेक्षा करनी चाहिए कि वे संवेदनशीलता से काम लें। आप अपनी राय कमेंट में लिखें, इस खबर को दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें और जागरूक नागरिक बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं।

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