
#गिरिडीह #पर्यटन_विकास : पूर्वी वन प्रमंडल क्षेत्र स्थित उसरी जलप्रपात को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर इको टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा
- उसरी जलप्रपात के इको टूरिज्म विकास कार्य का शिलान्यास।
- नगर विकास पर्यटन एवं खेलकूद मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू रहे मुख्य अतिथि।
- लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना।
- पार्किंग वॉच टावर पिकनिक स्पॉट गेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं प्रस्तावित।
- अगले वर्ष जून तक कार्य पूर्ण होने की जताई गई उम्मीद।
गिरिडीह जिले के पर्यटन मानचित्र पर एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। अब तक स्थानीय लोगों और आसपास के क्षेत्रों के लिए सैर-सपाटे का सीमित केंद्र रहा उसरी जलप्रपात जल्द ही आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक विकसित इको टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में पहचान बनाएगा। शुक्रवार को नगर विकास पर्यटन एवं खेलकूद मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने पूर्वी वन प्रमंडल क्षेत्र स्थित उसरी जलप्रपात के विकास कार्य का शिलान्यास किया। इस परियोजना पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे गिरिडीह जिले को पर्यटन के क्षेत्र में नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार की इस पहल को प्राकृतिक सौंदर्य के संरक्षण के साथ पर्यटन विकास को संतुलित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। परियोजना के पूरा होने से न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
मंत्री ने बताई सरकार की पर्यटन नीति की दिशा
शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए नगर विकास पर्यटन एवं खेलकूद मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य के प्राकृतिक पर्यटन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि गिरिडीह जिला प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध है और उसरी जलप्रपात जैसे स्थल यदि व्यवस्थित रूप से विकसित किए जाएं तो यह राज्य के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में शामिल हो सकता है।
मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल पर्यटन बढ़ाना नहीं है, बल्कि स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता देना है। उन्होंने भरोसा जताया कि उसरी जलप्रपात का विकास कार्य तय समयसीमा के भीतर पूरा किया जाएगा और अगले वर्ष जून तक इसका बदला हुआ स्वरूप देखने को मिलेगा।
इन आधुनिक सुविधाओं से सजेगा उसरी जलप्रपात
परियोजना के तहत उसरी जलप्रपात को पर्यटकों के लिए अधिक आकर्षक और सुविधाजनक बनाने की योजना तैयार की गई है। प्रस्तावित कार्यों में सुव्यवस्थित पार्किंग स्थल, बच्चों के लिए खेल परिसर, वॉच टावर, पिकनिक स्पॉट, आकर्षक प्रवेश द्वार, बैठने की बेहतर व्यवस्था, गेस्ट हाउस और आधुनिक रेस्टोरेंट का निर्माण शामिल है।
इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता व्यवस्था, पर्यटकों की सुरक्षा, उचित प्रकाश व्यवस्था और प्राकृतिक संरचना को नुकसान पहुंचाए बिना विकास कार्य सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इको टूरिज्म की अवधारणा के अनुरूप निर्माण कार्य किया जाएगा ताकि जंगल और जलप्रपात की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहे।
रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई रफ्तार
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। होटल गेस्ट हाउस रेस्टोरेंट गाइड सेवा और अन्य पर्यटन गतिविधियों से आसपास के गांवों के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले पांच वर्षों में गिरिडीह जिले में पर्यटन विकास से जुड़ी कई अन्य योजनाएं भी धरातल पर उतारी जाएंगी। इससे जिले की पहचान केवल खनिज और उद्योग तक सीमित न रहकर पर्यटन के क्षेत्र में भी मजबूत होगी।
शिलान्यास कार्यक्रम में रहे ये प्रमुख अधिकारी उपस्थित
इस अवसर पर प्रशासनिक और पुलिस महकमे के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में उपायुक्त रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार, एसडीएम श्रीकांत यशवंत विस्पुते, एसडीपीओ जीतवाहन उरांव समेत पूर्वी वन प्रभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए।
इसके अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामीण, पर्यावरण प्रेमी और क्षेत्रवासी उपस्थित रहे। सभी ने इस परियोजना को गिरिडीह के विकास के लिए एक सकारात्मक पहल बताया।
आसपास के गांवों में खुशी का माहौल
उसरी जलप्रपात विकास परियोजना की घोषणा से आसपास के मोहानपुर, मझलाडीह, गादी, श्रीरामपुर और उदना बादवा गांवों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पीछे रह जाता था, लेकिन पर्यटन विकास से सड़क संपर्क व्यापार और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
ग्रामीणों को उम्मीद है कि पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से स्थानीय उत्पादों हस्तशिल्प और छोटे व्यवसायों को भी बाजार मिलेगा।
न्यूज़ देखो: गिरिडीह के लिए पर्यटन विकास की नई शुरुआत
उसरी जलप्रपात का इको टूरिज्म के रूप में विकास गिरिडीह जिले के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। यदि परियोजना समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरी होती है तो यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय जीवन स्तर में भी सुधार लाएगी। अब नजर इस बात पर रहेगी कि विकास कार्य पर्यावरण संतुलन के साथ कितना प्रभावी रूप से पूरा होता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रकृति के साथ विकास का संतुलन जरूरी
प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण और विकास साथ-साथ चलना चाहिए। उसरी जलप्रपात की यह पहल तभी सफल होगी जब स्थानीय समुदाय और प्रशासन मिलकर जिम्मेदारी निभाएं।
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