वक्फ एक्ट के खिलाफ मेदिनीनगर में दिखा उबाल, जुलूस निकाल कानून वापस लेने की मांग

#मेदिनीनगर #वक्फएक्टविरोध | शांतिपूर्ण मार्च में उमड़ा मुस्लिम समाज, समाहरणालय तक पहुंचाई आवाज

मुस्लिम समाज में वक्फ कानून को लेकर बढ़ती नाराजगी

पलामू जिले के मेदिनीनगर में शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में बड़ा जनआंदोलन देखने को मिला। सैकड़ों लोग शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों पर उतर आए और नूरी मस्जिद से समाहरणालय तक पैदल मार्च करते हुए केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता और निजी संपत्तियों में हस्तक्षेप करता है। कई लोगों ने नारेबाज़ी करते हुए सरकार पर धर्म विशेष के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। समाज के लोगों ने इसे धार्मिक आज़ादी पर हमला बताया।

डीसी को सौंपा ज्ञापन, जताई गई गंभीर आपत्तियां

जुलूस के समाहरणालय पहुंचने के बाद डीडीसी को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें सरकार से अपील की गई कि वक्फ अधिनियम को रद्द किया जाए। ज्ञापन देने वालों में जीशान खान, सानू सिद्दीकी, और अन्य सामाजिक प्रतिनिधि शामिल थे। इन लोगों ने बताया कि यह कानून जनता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और इससे मुस्लिम समाज में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है।

पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी का प्रदर्शन को समर्थन

इस मार्च में झारखंड सरकार के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री केएन त्रिपाठी भी शामिल हुए। उन्होंने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा:

“यह आंदोलन शांतिपूर्ण है और पूरी तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। किसी भी राजनीतिक दल को इसका फायदा नहीं उठाना चाहिए।” — केएन त्रिपाठी

उन्होंने प्रदर्शनकारियों की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को इस पर गंभीर विचार करना चाहिए और समाज की भावनाओं को समझना चाहिए।

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