Garhwa

वक्फ अधिनियम 2025 के विरोध में गरमाया गढ़वा, शनिवार को निकलेगा विरोध मार्च

Join News देखो WhatsApp Channel

#गढ़वा #वक्फबिल_विवाद #अल्पसंख्यक_अधिकार #WaqfAct2025 | टाउन हॉल तक विरोध, डीसी को सौंपा जाएगा ज्ञापन

  • वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ अल्पसंख्यक मंच का विरोध मार्च
  • कर्बला मैदान से शुरू होकर टाउन हॉल तक पहुंचेगा मार्च
  • प्रेस वार्ता में मंच ने बताया अधिनियम को असंवैधानिक और तानाशाही
  • वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता पर जताई चिंता
  • शनिवार को भारी संख्या में लोगों से विरोध मार्च में शामिल होने की अपील

गढ़वा में गूंजेगा अल्पसंख्यकों का स्वर, वक्फ कानून को बताया मौलिक अधिकारों पर हमला

गढ़वा: केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ अधिनियम 2025 के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय का आक्रोश अब सड़कों पर उतरने वाला है। शनिवार को अल्पसंख्यक अधिकार मंच की अगुवाई में गढ़वा शहर में विरोध मार्च निकाला जाएगा। इसकी जानकारी मंच के अध्यक्ष शौकत कुरैशी ने मदरसा तब्लीगुल इस्लाम परिसर में आयोजित एक प्रेसवार्ता के माध्यम से दी।

कर्बला मैदान से टाउन हॉल तक निकलेगा मार्च

शौकत कुरैशी ने बताया कि यह विरोध मार्च कर्बला मैदान से शुरू होकर मझिआंव मुख्य पथ व रंका मोड़ होते हुए टाउन हॉल मैदान तक पहुंचेगा। वहीं टाउन हॉल में मार्च का समापन होगा और प्रतिनिधिमंडल समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त को मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेगा

“वक्फ एक्ट में बिना मशविरा के किया गया संशोधन असंवैधानिक है और धार्मिक स्वतंत्रता का सीधा उल्लंघन है।”
शौकत कुरैशी, अध्यक्ष, अल्पसंख्यक अधिकार मंच

प्रेस वार्ता में उठाए गए अहम मुद्दे

प्रेस वार्ता में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना मुस्लिम समुदाय के मशवरे और जेपीसी की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए वक्फ एक्ट 1995 में तानाशाही ढंग से संशोधन कर वक्फ अधिनियम 2025 बना दिया। यह अधिनियम अनुच्छेद 14, 25, 26 और 29 के तहत दी गई धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

प्रमुख आपत्तियाँ:

  • गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड का सदस्य बनाने से प्रबंधन में हस्तक्षेप की आशंका
  • वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण हेतु राज्य प्राधिकरणों को अत्यधिक शक्तियाँ देना खतरनाक
  • वक्फ ट्रिब्यूनल की शक्तियाँ हटाकर जिला अधिकारियों को संपत्ति निर्धारण अधिकार देना विवाद बढ़ा सकता है
  • ऐसे संपत्तियाँ जो बिना दस्तावेज़ वर्षों से धार्मिक उपयोग में रही हैं, अब मान्यता से बाहर हो जाएंगी
  • अब वही व्यक्ति वक्फ कर सकता है जो कम से कम 5 वर्षों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो – यह भेदभावपूर्ण शर्त है

“हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड, सिख बोर्ड में उनके धर्म के अनुयायी ही रहते हैं, फिर वक्फ बोर्ड में यह भेदभाव क्यों?”
डॉ. यासीन अंसारी, वक्ता

अधिनियम को बताया नौकरशाही अतिक्रमण का साधन

प्रेस वार्ता में यह भी कहा गया कि यह कानून नौकरशाही को धार्मिक संपत्तियों पर नियंत्रण का साधन बना देगा, जिससे वक्फ संपत्तियों की अखंडता और पारंपरिक धार्मिक व्यवस्था खतरे में पड़ जाएगी।

प्रेस वार्ता में शौकत कुरैशी के अलावा डॉ. यासीन अंसारी, डॉ. एम एन खान, सुषमा मेहता, ओबैदुल्लाह हक अंसारी, जमीरूद्दीन अंसारी, इमाम हसन, डॉ. मकबूल आलम खान, तनवीर खान, शंभू राम, मासूम खान, शादाब खान सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

लोगों से विरोध में शामिल होने की अपील

वक्ताओं ने गढ़वा वासियों से शनिवार को विरोध मार्च में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की

न्यूज़ देखो – संविधान की रक्षा जनसंगठन से होती है

वक्फ अधिनियम 2025 को लेकर गढ़वा में उठती आवाजें देश में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का संकेत हैं। ‘न्यूज़ देखो’ पाठकों से अपील करता है – अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें, संगठित रहें और सशक्त रहें। लोकतंत्र की ताकत जनचेतना में ही है।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250604-WA0023 (1)
Radhika Netralay Garhwa
1000264265
IMG-20250610-WA0011
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250925-WA0154
20250923_002035
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: