‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की आवश्यकता और लाभ पर संजय सेठ का विचार
रांची के सांसद संजय सेठ ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की पहल पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का परिणाम बताते हुए कहा कि यह देश के विकास और प्रशासनिक कार्यों को गति देने में सहायक होगा।
देशभर में सालभर चलने वाले चुनावों का प्रभाव
संजय सेठ ने कहा कि देश में 2023 के अंत में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव, फिर 2024 की शुरुआत में लोकसभा चुनाव, उसके बाद झारखंड विधानसभा चुनाव और अब दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारियां जारी हैं।
इन लगातार होने वाले चुनावों में सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को व्यस्त रहना पड़ता है।
कई बार आचार संहिता लागू होने के कारण विकास कार्यों पर रोक लग जाती है, जिससे आम जनता प्रभावित होती है।
वन नेशन, वन इलेक्शन की पहल
संजय सेठ ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से न केवल प्रशासनिक कामकाज सुचारु रूप से चलेगा, बल्कि राजकीय कोष पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को भी कम किया जा सकेगा।
- इससे सरकारें और प्रशासन अगले 5 वर्षों तक पूरी तरह विकास कार्यों पर केंद्रित रह सकेंगे।
- चुनावी तैयारियों के दौरान जनता को आने वाली असुविधाएं भी कम होंगी।
प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता की सराहना
संजय सेठ ने इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुदृढ़ नीति और दूरदर्शिता का परिणाम बताया। उन्होंने इसे एक ऐसा कदम कहा, जो देश को विकास के नए अध्याय में लेकर जाएगा।
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