
#मेदिनीनगर #सावनमहोत्सव : झूला, गीत और श्रृंगार से खिला महिला सहभागिता का रंग
- महिलाओं के लिए विशेष सावन उत्सव का आयोजन वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया गया।
- करीब 72 महिलाओं ने संगीत, नृत्य और खेलों में उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई।
- संस्था की सचिव शर्मिला वर्मा ने कहा — “ऐसे आयोजन तनावमुक्त जीवन के लिए आवश्यक।”
- डांडिया, कजरी, कैटवॉक, मिमिक्री, म्यूजिकल चेयर जैसे कार्यक्रमों ने रचा समां।
- सभी सुहागिनों को हरी चूड़ी, मेंहदी, सिंदूर, बिंदी भेंट स्वरूप दी गई।
- टीम वरदान की महिलाएं और विशेष मेहमानों ने मिलकर आयोजन को बनाया ऐतिहासिक।
महिलाओं की खुशी और तनावमुक्त जीवन के लिए आयोजन
वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट ने अपने सामाजिक दायित्व के तहत मेदिनीनगर में सावन के पावन महीने को समर्पित एक भव्य ‘सावन महोत्सव’ का आयोजन किया। संस्था की सचिव शर्मिला वर्मा ने बताया कि महिलाओं की दिनचर्या में घर और बाहर की जिम्मेदारियों का बोझ कई बार मानसिक तनाव में बदल जाता है। ऐसे में प्रकृति से जुड़ने वाले पारंपरिक उत्सव महिलाओं को मानसिक रूप से राहत देते हैं।
शर्मिला वर्मा ने कहा: “रोजमर्रा के जीवन में महिलाएं जिस तनाव से गुजरती हैं, उसे तोड़ने और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए यह आयोजन किया गया है।”
गीत, नृत्य, झूला और खेलों से सजी सांस्कृतिक शाम
कार्यक्रम की शुरुआत शिव भजन से हुई, जिसकी प्रस्तुति राखी सोनी और कंचन गुप्ता ने दी। इसके बाद गीत, नृत्य, म्यूजिकल चेयर, एक्टिंग, टॉफी रेस, कैटवॉक, मिमिक्री और कजरी गायन जैसे विविध सांस्कृतिक और मनोरंजक गतिविधियों ने महिलाओं को संपूर्ण रूप से जोड़ दिया।
सावन गीतों पर महिलाओं ने झूला झूलते हुए पारंपरिक रस्मों को जीवंत कर दिया। इस दौरान सभी महिलाएं हरे परिधानों में सजी नजर आईं, जो सावन के सौंदर्य का प्रतीक बना।
आयोजन में दिखी व्यापक भागीदारी और उत्साह
करीब छह दर्जन महिलाओं ने भाग लिया। आयोजन को सफल बनाने में संध्या अग्रवाल, खुश्बू शर्मा, कंचन गुप्ता, शुभम बिहारी और राखी सोनी ने टीम भावना से योगदान दिया। वहीं शुभम बिहारी और मन्नत सिंह बग्गा का विशेष सहयोग रहा।
अतिथियों ने कार्यक्रम में बढ़ाया रंग
महोत्सव में पतंजलि की ममता शरण, शिक्षिका सुषमा सोनी, अभिनेत्री काजल राज, एडवोकेट वंदना कुमारी, ग्रीन वैली स्कूल की प्राचार्या सोनी पंडित, और अन्य कई महिलाएं उपस्थित रहीं। गुजराती समुदाय की महिलाओं — ज्योति भाटिया, उषा शाह और रेणु त्रिपाठी — ने डांडिया नृत्य से आयोजन को और रंगीन बना दिया।
प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर राखी सोनी ने कहा: “हर महिला के चेहरे पर मुस्कान और उत्साह ही हमारे आयोजन की सफलता का प्रमाण है।”
अंत में, सभी सुहागिनों को हरी चूड़ी, मेंहदी, सिंदूर, बिंदी, नेलपॉलिश जैसे श्रृंगार सामग्री उपहार में दी गई। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक परंपरा को संजोने का प्रयास था, बल्कि सामाजिक जुड़ाव और सकारात्मकता को बढ़ावा देने वाला भी रहा।





न्यूज़ देखो: संस्कृति और सामूहिकता का उत्सव बना सावन महोत्सव
सावन महोत्सव जैसे आयोजन यह दिखाते हैं कि संस्कृति के रंग और सामाजिक मेलजोल आज भी लोगों को जोड़ने का काम कर सकते हैं। वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट का यह प्रयास एक मिसाल है — जहां महिलाएं न केवल आनंदित हुईं, बल्कि अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ पल अपने लिए भी निकाल सकीं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सकारात्मक सोच से समाज में लाएं खुशियों की हरियाली
इस सावन, आइए हम सभी मिलकर सामाजिक आयोजनों के जरिए नारी सशक्तिकरण और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पहल करें। ऐसे महोत्सव सिर्फ मनोरंजन नहीं, एकजुटता, परंपरा और मानसिक सुकून का प्रतीक हैं। इस लेख को अपने मित्रों और परिवारजनों के साथ जरूर साझा करें, और अपनी राय कमेंट में जरूर दें।