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दीपावली पर जरूरतमंदों के बीच बांटी गई खुशियां, वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट की सराहनीय पहल

#मेदिनीनगर #दीपावली : दलित बस्ती में दीप, मिठाई और कपड़े बांटकर वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट ने जगाई उम्मीद की रौशनी

दीपों के इस पर्व पर मेदिनीनगर के सामाजिक संगठनों ने एक मिसाल पेश की है। वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट और आशीर्वाद चैरिटेबल ट्रस्ट की संयुक्त पहल ने उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी, जिनके घरों में आर्थिक तंगी के कारण अक्सर अंधेरा बना रहता है। रांची रोड स्थित दलित बस्ती में आयोजित इस कार्यक्रम में दर्जनों जरूरतमंद परिवारों को दीपावली सामग्री वितरित की गई।

जरूरतमंदों के बीच दीपावली की रौशनी

संस्थाओं की टीम ने दलित बस्ती में जाकर लोगों के बीच दीया, तेल, मोमबत्ती, रूई बत्ती, मिठाई, फूलझड़ी और कपड़े बांटे। इस पहल से न केवल वहां के बच्चों के चेहरे खिल उठे, बल्कि पूरे माहौल में एक अलग सी रौनक फैल गई। आने वाली सर्दियों को ध्यान में रखते हुए टीम ने गर्म कपड़े भी दिए ताकि कोई भी ठंड में परेशान न हो।

“त्योहार का हक सभी को” – वरदान ट्रस्ट

संस्था की सचिव शर्मिला वर्मा ने कहा कि दीपावली केवल रोशनी का नहीं, बल्कि इंसानियत और साझा खुशियों का त्योहार है। उन्होंने लोगों से अपील की कि जब वे अपने घरों को सजाएं, तो अपने आसपास के जरूरतमंदों को भी याद रखें।

शर्मिला वर्मा ने कहा: “अपने घरों पर सैकड़ों झालरें लगाने वाले लोग यदि अपने आसपास के अंधेरे में रहने वालों के घरों में एक दीया भी जला दें, तो समाज में सच्ची रोशनी फैलेगी।”

मिट्टी के दीयों से जगमगाएगी दीपावली

टीम के सदस्य शुभम बिहारी, खुश्बू शर्मा और वंदना श्रीवास्तव ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस बार केवल मिट्टी के दीये जलाएं ताकि कुम्हारों को रोजगार मिले और वे भी खुशी से दीपावली मना सकें। उन्होंने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग न केवल परंपरा का सम्मान है बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम भी है।

शुभम बिहारी ने कहा: “हर मिट्टी का दिया किसी गरीब के घर में उजाला लाने की उम्मीद लेकर आता है।”

समाज के लिए प्रेरणा बनी पहल

इस वितरण कार्यक्रम में बेबी विश्वकर्मा और कोमल सहित कई सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर दीपावली की शुभकामनाएं दीं और समाज से अपील की कि वे अपने उत्सवों में जरूरतमंदों को भी शामिल करें। यह पहल न केवल सहयोग की भावना को बढ़ावा देती है बल्कि सामाजिक एकता और मानवता का संदेश भी देती है।

न्यूज़ देखो: दीपोत्सव में सामाजिक संवेदना का संदेश

वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट की यह पहल बताती है कि त्योहार केवल उत्सव नहीं, बल्कि इंसानियत की परीक्षा भी हैं। जब समाज के सक्षम लोग अपने आसपास के जरूरतमंदों की ओर हाथ बढ़ाते हैं, तभी असली दीपावली मनाई जाती है। प्रशासन और समाज दोनों को ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि हर घर में रौशनी पहुंच सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आइए, इस दीपावली पर किसी के जीवन में उजाला भरें

दीपावली केवल अपने घर को सजाने का अवसर नहीं, बल्कि आसपास के अंधेरों को मिटाने का भी मौका है। अगर हर व्यक्ति अपने पड़ोस के एक जरूरतमंद परिवार की मदद करे, तो पूरा शहर रोशन हो सकता है। इस पर्व पर संकल्प लें कि हम खुशियां बांटेंगे, स्वदेशी अपनाएंगे और दूसरों के जीवन में उजाला फैलाएंगे।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और दूसरों को भी प्रेरित करें कि वे इस दीपोत्सव पर किसी के चेहरे पर मुस्कान लाएं।

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