
#वटसावित्रीपूजा #लातेहार_समाचार – धार्मिक परंपरा, सामूहिक पूजा और लोकगीतों से गूंजा वातावरण
- बलुमाथ, बरवाडीह, चंदवा, गारू, महुआडांड़, मनिका में पूजा की धूम
- सुहागिनों ने परंपरागत व्रत रखकर वटवृक्ष की पूजा की
- नई साड़ी में सज-धजकर महिलाओं ने की पूजा-अर्चना
- सावित्री-सत्यवान की कथा सुनकर लिया संकल्प
- पूरे जिले में धार्मिक उल्लास और सामाजिक सौहार्द का दृश्य
सुहागिनों ने निभाई परंपरा, सजधज कर की पूजा
लातेहार जिला के बलुमाथ, बरवाडीह, चंदवा, गारू, लातेहार मुख्यालय, महुआडांड़ और मनिका प्रखंडों में सोमवार को वट सावित्री पूजा पारंपरिक श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाई गई। सुहागिन महिलाएं सुबह से निर्जला व्रत रखकर वटवृक्ष की छांव में पहुंचीं, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की।
जल, धूप, फूल और धागा अर्पित कर किया परिक्रमा
महिलाओं ने नए परिधान, सिंदूर और श्रृंगार सामग्री से सजकर पूजा स्थलों पर वटवृक्ष की परिक्रमा की और उसे जल, फूल, फल तथा धागा अर्पित किया। पूजा स्थलों पर सामूहिक भजन-कीर्तन और लोकगीतों की भी प्रस्तुति हुई, जिससे माहौल भक्तिमय बना रहा।
सत्यवान-सावित्री की कथा से मिली प्रेरणा
स्थानीय पुजारी सर्वेश पाठक ने बताया कि,
“वट सावित्री पूजा हिंदू धर्म में अटूट आस्था का प्रतीक है। सावित्री ने अपने तप और दृढ़ संकल्प से मृत पति सत्यवान को यमराज से पुनर्जीवित कराया था। इसी पवित्र कथा की याद में सुहागिनें यह व्रत रखती हैं।”
पूरे जिले में आस्था, लोक परंपरा और सामाजिक सौहार्द का मिला-जुला दृश्य देखने को मिला। ग्रामीण अंचलों से लेकर कस्बाई क्षेत्रों तक महिलाओं की भागीदारी उत्साहजनक रही।
न्यूज़ देखो : परंपराओं की गहराई से जुड़ें
न्यूज़ देखो आपकी संस्कृति, आस्था और समाज से जुड़े हर प्रसंग को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है।
ऐसी ही धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक खबरों के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ – जहां हर खबर है आपकी अपनी।