
#लातेहार #लवरबंधापुलमरम्मत : लगातार बारिश से टूटा था संपर्क — युद्धस्तर पर हुई मरम्मत, बसों का परिचालन भी आंशिक रूप से शुरू
- SH-09 पर लवरबंधा नाला पुलिया की अस्थायी मरम्मत पूरी
- पिछले दो दिनों से था बस और भारी वाहनों का परिचालन ठप
- अब छोटे वाहनों के साथ-साथ बसों की भी आंशिक आवाजाही शुरू
- गारू थाना प्रभारी ने मरम्मत कार्य को बताया युद्धस्तरीय
- स्थायी समाधान की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन को दी सलाह
दो दिन बाद फिर चली रफ्तार, राहत की सांस ले रहे ग्रामीण
लातेहार जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत महुआडांड़-डालटनगंज मुख्य सड़क (SH-09) पर आवागमन गुरुवार से आंशिक रूप से फिर से शुरू हो गया। लवरबंधा नाला पर निर्माणाधीन पुलिया की अप्रोच पथ भारी बारिश के कारण ध्वस्त हो गई थी, जिससे मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया था। इस दौरान सिर्फ छोटे वाहन अस्थायी और कच्चे रास्ते से गुजर पा रहे थे।
प्रशासन ने त्वरित मरम्मत कर बहाल की आवाजाही
गारू थाना प्रभारी पारस मणि ने जानकारी दी कि अस्थायी मरम्मत युद्धस्तर पर पूरी की गई, जिससे अब बसों का परिचालन भी आंशिक रूप से शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि मौसम अनुकूल रहा, तो जल्द ही पुल की स्थायी मरम्मत भी पूरी कर ली जाएगी, जिससे मार्ग पूरी तरह सामान्य हो सकेगा।
थाना प्रभारी पारस मणि ने कहा: “अस्थायी मरम्मत के बाद अब रास्ता खुल गया है। हमारी टीम ने सड़क को जल्द बहाल करने के लिए लगातार कार्य किया।”
ग्रामीणों ने जताया संतोष, की भविष्य की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन के त्वरित हस्तक्षेप और मरम्मत कार्य की सराहना की, लेकिन साथ ही पुलिया निर्माण को जल्द पूर्ण करने की मांग भी रखी। ग्रामीणों ने दोहराया कि अस्थायी उपाय से हमेशा समाधान नहीं निकलता, और मानसून के दौरान स्थायी संरचना की जरूरत होती है।
स्थानीय ग्रामीण विजय कुमार ने कहा: “हम धन्यवाद देते हैं प्रशासन को, लेकिन बार-बार ऐसे हादसे न हों इसलिए पुलिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।”
न्यूज़ देखो: आपदा में राहत का सबक
लवरबंधा पुलिया पर समय रहते की गई मरम्मत इस बात का संकेत है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो तो मुश्किल हालात में भी राहत संभव है। लेकिन यह भी उतना ही ज़रूरी है कि निर्माण कार्य समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरे किए जाएं। न्यूज़ देखो ऐसे मुद्दों को सामने लाकर स्थानीय समस्याओं पर तत्काल ध्यान दिलाने का प्रयास करता है।
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बारिश और आपदा के समय में सतर्कता ही सबसे बड़ा सहारा है। लोगों की जागरूकता और प्रशासन की तत्परता से ही सुरक्षित परिवहन संभव है। इस खबर को शेयर करें, अपनी राय कमेंट करें और स्थानीय विकास की बात आगे बढ़ाएं।