#लातेहार – बिना मान्यता के संचालित हो रहे निजी विद्यालयों पर प्रशासन मौन
- बिना मान्यता के धड़ल्ले से संचालित हो रहे प्राइवेट स्कूल
- शिक्षा विभाग की लापरवाही से अभिभावकों को किया जा रहा गुमराह
- हिंदी मीडियम की मान्यता लेकर चला रहे इंग्लिश मीडियम स्कूल
- पाँचवीं तक की मान्यता लेकर आठवीं तक की कक्षाएं संचालित
- कार्रवाई के नाम पर फाइलों में दबी जांच रिपोर्ट, शिक्षा विभाग बेपरवाह
बिना मान्यता चल रहे निजी स्कूल, शिक्षा विभाग की अनदेखी
लातेहार जिले के विभिन्न प्रखंडों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम और विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर बिना मान्यता के निजी विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग के पास इन अवैध स्कूलों की कोई सूची तक उपलब्ध नहीं है और न ही इन पर कोई ठोस कार्रवाई की जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई निजी विद्यालयों को सिर्फ हिंदी मीडियम की मान्यता प्राप्त है, लेकिन वे इंग्लिश मीडियम स्कूल के नाम पर अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं। इन स्कूलों की मान्यता यदि सिर्फ कक्षा 5 तक है, तो भी वे अवैध रूप से कक्षा 8 तक की पढ़ाई चला रहे हैं।
“सरकार शिक्षा में सुधार के कितने ही दावे कर ले, लेकिन बिना मान्यता वाले स्कूल शिक्षा के नाम पर दुकानें चला रहे हैं। शिक्षा विभाग इन मानकविहीन स्कूलों पर शिकंजा कसने में पूरी तरह विफल है।” – एक निजी विद्यालय संचालक (नाम न छापने की शर्त पर)
कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति, अभिभावकों के लिए कोई समाधान नहीं
शिक्षा विभाग की लापरवाही इस कदर हावी है कि मान्यता प्राप्त विद्यालयों की नियमित जांच तक नहीं की जाती। कई मामलों में शिक्षा अधिकारी मौके पर जांच करने की बजाय सिर्फ फाइलों में कार्रवाई दिखाकर खानापूर्ति कर देते हैं।
“जिम्मेदार अधिकारी कभी स्कूलों की वास्तविक जांच नहीं करते। यदि कभी कागजी जांच होती भी है, तो वह फाइलों में ही दबकर रह जाती है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जाता है।” – स्थानीय सूत्र
इस लापरवाही का सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों और अभिभावकों को उठाना पड़ता है। जानकारी के अभाव में कई माता-पिता अपने बच्चों का दाखिला इन अवैध स्कूलों में करवा देते हैं, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ जाता है।
‘न्यूज़ देखो’ की नजर – शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कड़े कदम जरूरी
लातेहार जिले में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे स्कूलों की सूची तैयार कर तत्काल प्रभाव से उन पर कार्रवाई करे। शिक्षा एक मौलिक अधिकार है, और इससे किसी भी स्थिति में खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। ‘न्यूज़ देखो’ इस मामले पर लगातार नजर बनाए रखेगा – हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।