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गढ़वा में एक साल से लापता संजय कोरवा का वीडियो वायरल, दीपावली पर परिवार में लौटे खुशियों के पल

#गढ़वा #विशुनपुरा : एक साल से लापता आदिवासी युवक संजय कोरवा का वीडियो वायरल होने के बाद घर में दीपावली की खुशियां लौट आईं

विशुनपुरा प्रखंड के सुदूरवर्ती सारो गांव में दीपावली की रौशनी इस बार खास थी। एक साल से लापता आदिवासी युवक संजय कोरवा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे उसके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। रामचंद्र और लक्ष्मी देवी का परिवार पिछले वर्ष से बेटे की तलाश में भटक रहा था।

संजय अपने चचेरे भाई महेंद्र कोरवा के साथ राजस्थान मजदूरी गया था, लेकिन कुछ विवाद के बाद वह वहां से बिना सूचना के गायब हो गया। महेंद्र की बाद में बीमारी से मृत्यु हो गई और परिवार ने उम्मीद खो दी थी। हाल ही में एक मानव सेवा संगठन ने सड़क किनारे पाए गए विक्षिप्त युवक का वीडियो साझा किया, जिसमें युवक ने खुद को संजय कोरवा, सारो गांव बताया। वीडियो वायरल होते ही परिवार में उत्साह और खुशी का माहौल बन गया।

प्रशासनिक पहल और सहायता

झालसा रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गढ़वा ने तत्काल कदम उठाए। पीएलवी कृष्णानंद दुबे और अरविंद तिवारी ने गांव पहुंचकर परिवार से बातचीत की और राजस्थान से संजय को घर लाने का आश्वासन दिया।

पीएलवी कृष्णानंद दुबे ने कहा: “हम संजय को जल्द सुरक्षित घर लाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।”

संजय की शादी वर्ष 2021 में हुई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण पत्नी ससुराल नहीं आ सकी और रिश्ता टूट गया। मानसिक और आर्थिक परेशानियों के कारण संजय मजदूरी के लिए राजस्थान गया था। परिवार की आर्थिक स्थिति देखते हुए उप प्रमुख प्रतिनिधि अजय पाल ने ₹2000 का सहयोग प्रदान किया। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र पहल की मांग की।

लेबर सुपरिटेंडेंट संजय आनंद ने बताया कि प्रवासी मजदूर को घर लाने के लिए कोई कोष नहीं है, लेकिन प्रयास जारी हैं। जल्द ही संजय को राजस्थान से परिवार के पास लाया जाएगा।

गांव में उत्सव और नई उम्मीद

संजय के जीवित होने की खबर फैलते ही सारो गांव में दीपावली से पहले उत्सव का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने मिठाई बांटी और दीप जलाकर खुशियों का इजहार किया। मौके पर बीडीसी अजय पाल, विश्वास वियार, ब्रजेश सिंह, इमामुद्दीन अंसारी, शमशेर अंसारी समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।

न्यूज़ देखो: सामाजिक और प्रशासनिक सहयोग से लौटे जीवन की उम्मीदें

संजय कोरवा का घर लौटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए दीपावली पर नई आशा का संदेश है। यह घटना दिखाती है कि सामुदायिक और प्रशासनिक प्रयास मिलकर जीवन की कठिनाइयों को पार कर सकते हैं।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

विश्वास और सक्रिय सहभागिता से समाज को मजबूत बनाएं

स्थानीय नागरिकों और नेताओं से अपील है कि वे ऐसे मामलों में जागरूक रहें और सहयोग करें। सामाजिक और प्रशासनिक संस्थाओं के प्रयासों को समर्थन दें। अपने अनुभव और जानकारी दूसरों के साथ साझा करके लोगों में सामाजिक जिम्मेदारी और सक्रियता बढ़ाएं।

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