विधानसभा तक पहुंची गिरिडीह हिंसा की धमक, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार

हाइलाइट्स :

गिरिडीह हिंसा की गूंज विधानसभा में

होली के दिन गिरिडीह में हुई हिंसा मंगलवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में बड़ा मुद्दा बनकर सामने आई। छुट्टी के बाद सदन में पहुंचे सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर गंभीर बहस और आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला।

बीजेपी ने सरकार को घेरा

बीजेपी विधायक पूर्णिमा दास ने सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री समय पर गिरिडीह जाते और कार्रवाई का आदेश देते, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। उन्होंने सत्ताधारी दल पर हिंदू-मुस्लिम और जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि सरकार बार-बार आरोप तो लगा रही है लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं करती? दोषियों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

“सरकार को चाहिए कि दोषियों के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई करे।” — सत्येंद्र नाथ तिवारी, भाजपा विधायक

सत्ता पक्ष का विपक्ष पर हमला

मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने गिरिडीह हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं में बीजेपी नेता तुरंत हिंदू-मुस्लिम करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गंभीर है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विपक्षी नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि गिरिडीह मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जांच हो रही है, लेकिन स्थानीय विधायक तीन दिन बाद मौके पर पहुंचकर राजनीति कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

“जांच जारी है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन राजनीति करना ठीक नहीं।” — शिल्पी नेहा तिर्की, मंत्री

बीजेपी पर तीखा हमला

मंत्री हफीजुल अंसारी ने बीजेपी पर समाज को तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोग केवल आग लगाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे जहरीले बयान देने वाले लोगों से विधानसभा में भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

“बीजेपी के लोग समाज में जहर घोलते हैं और उन्माद फैलाते हैं।” — हफीजुल अंसारी, मंत्री

‘न्यूज़ देखो’ की नज़र

क्या गिरिडीह हिंसा को लेकर राजनीति से हटकर सही न्याय हो पाएगा? क्या दोषियों पर बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के कार्रवाई की जाएगी? ‘न्यूज़ देखो’ इस पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए रखेगा और हर अपडेट आप तक पहुंचाएगा।

हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र।

Exit mobile version