
#सिमडेगा #साइबरसुरक्षा : प्रातःकालीन सभा में विद्यार्थियों को जागरूक करने की विशेष पहल
- पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा में आयोजित हुआ कार्यक्रम।
- प्राचार्य संजय कुमार सिन्हा ने विद्यार्थियों को साइबर अपराध से सतर्क किया।
- संदिग्ध लिंक और अजनबी संदेशों से दूर रहने की दी सलाह।
- ओटीपी और पासवर्ड जैसी निजी जानकारी साझा न करने की चेतावनी।
- सकारात्मक उपयोग के लिए तकनीक को अपनाने का प्रेरक संदेश।
- छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने साइबर सुरक्षा का संकल्प लिया।
सिमडेगा जिले के कोलेबिरा स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय में 30 अगस्त 2025 को प्रातःकालीन सभा के दौरान साइबर सुरक्षा पर एक प्रेरक संबोधन आयोजित किया गया। विद्यालय के प्राचार्य संजय कुमार सिन्हा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को डिजिटल युग की चुनौतियों से आगाह करते हुए साइबर अपराधों से बचाव के महत्वपूर्ण उपाय बताए।
डिजिटल युग में सावधानी का महत्व
प्राचार्य महोदय ने कहा कि आज के दौर में इंटरनेट हमारी जिंदगी को सरल बनाता है, लेकिन इसके दुरुपयोग से साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे हमेशा सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध लिंक या संदेश पर क्लिक न करें।
साइबर सुरक्षा के मूल मंत्र
उन्होंने विद्यार्थियों को निर्देशित किया कि कभी भी ओटीपी, पासवर्ड या व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें। अजनबी नंबरों से आए संदेशों का उत्तर न दें और सोशल मीडिया का उपयोग हमेशा जिम्मेदारी और मर्यादा के साथ करें।
तकनीक का सकारात्मक उपयोग
संजय कुमार सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि तकनीक स्वयं में बुरी नहीं है। यदि इसका उपयोग ज्ञानवर्धन, कौशल विकास और रचनात्मकता जैसे कार्यों में किया जाए तो यह विद्यार्थियों के जीवन को नई दिशा दे सकती है।
जागरूकता से ही सुरक्षा
सभा में मौजूद सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने ध्यानपूर्वक उनके विचार सुने। सभी ने यह संकल्प लिया कि वे साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन करेंगे और दूसरों को भी जागरूक करेंगे। शिक्षकों ने इस पहल को अत्यंत सराहनीय बताया और कहा कि ऐसी गतिविधियाँ विद्यार्थियों को न केवल जिम्मेदार नागरिक बनाती हैं, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार करती हैं।
संजय कुमार सिन्हा: “सावधानी ही सुरक्षा है। यदि हम जागरूक रहेंगे तो साइबर अपराध हमसे कोसों दूर रहेंगे।”
सामूहिक सहभागिता
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। सभी ने मिलकर साइबर सुरक्षा के महत्व को समझा और डिजिटल युग में सुरक्षित रहने का संकल्प लिया।



न्यूज़ देखो: डिजिटल सुरक्षा है समय की सबसे बड़ी जिम्मेदारी
इस कार्यक्रम ने स्पष्ट किया कि डिजिटल युग में सुरक्षा केवल तकनीक का सवाल नहीं, बल्कि जागरूक नागरिकता का भी हिस्सा है। यदि हर विद्यार्थी और शिक्षक जिम्मेदारी से साइबर सुरक्षा का पालन करेंगे तो समाज साइबर अपराधों से सुरक्षित रह सकेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूकता से ही बनेगा सुरक्षित डिजिटल भविष्य
अब समय है कि हम सब मिलकर साइबर सुरक्षा को जीवन का हिस्सा बनाएं। सोशल मीडिया और इंटरनेट का उपयोग सकारात्मक दिशा में करें और दूसरों को भी सावधान करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग साइबर सुरक्षा के महत्व को समझ सकें।