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हेमंत सरकार के ‘विजन 2050’ पर विजय सिंह का हमला: झारखंड की जनता से मज़ाक बताया

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#घाघरा #राजनीतिक_प्रतिक्रिया : एआईपीएफ और जेएनडी के संयोजक विजय सिंह ने सरकार पर वादाखिलाफी और विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया
  • विजय सिंह, झारखंड प्रभारी एआईपीएफ व केंद्रीय संयोजक जेएनडी ने विजन 2050 को जनता से मज़ाक बताया।
  • 10,000 नियुक्ति पत्र वितरण पर प्रतिक्रिया देते हुए कृषि–खनन आधारित रोजगार को प्राथमिकता देने की मांग की।
  • कॉरपोरेट टैक्स, पूंजी पलायन रोकने, सरकारी रिक्तियों को भरने और रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही।
  • ननबैंकिंग कंपनियों में फंसे पैसे लौटाने हेतु BUDS Act 2019 लागू करने की मांग।
  • महिला मंडलों पर सूदखोरी रोकने और बिना सूद पूंजी उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया।
  • सरकार ने 5 दिसंबर के शीतकालीन सत्र में ठोस निर्णय नहीं लिया तो 2026 में विधानसभा घेराव का ऐलान किया।

घाघरा (गुमला) में आयोजित एक प्रेस वार्ता में ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (AIPF) के झारखंड प्रभारी और झारखंड नवनिर्माण दल (JND) के केंद्रीय संयोजक विजय सिंह ने झारखंड सरकार द्वारा घोषित ‘अग्रणी राज्य हेतु विजन 2050’ को जनता के साथ किया गया मज़ाक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने में असफल रही है और राज्य में युवाओं के लिए न तो पर्याप्त रोजगार के अवसर बने हैं और न ही विकास की वास्तविक दिशा दिख रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर विकास संबंधी रोडमैप पेश करने के बावजूद कई बुनियादी मुद्दे जस के तस हैं।

विजन 2050 पर सवाल और रोजगार सृजन की मांग

प्रेस वार्ता में श्री सिंह ने 10,000 नौकरी के नियुक्ति पत्र वितरण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड जैसे राज्य में कृषि और खनिज आधारित उद्योगों पर आधारित स्थायी रोजगार की आवश्यकता है। उनका कहना था कि केवल प्रतीकात्मक नियुक्तियों से राज्य के 3.5 करोड़ लोगों के भविष्य को सुरक्षित नहीं किया जा सकता। उन्होंने मांग रखी कि:

  • कॉरपोरेट घरानों पर समुचित टैक्स लगाया जाए,
  • झारखंड की पूंजी को बाहर जाने से रोका जाए,
  • सभी विभागों में रिक्त सरकारी पद तुरंत भरे जाएँ,
  • और रोजगार के अभाव में पलायन व मानव तस्करी को झेल रहे युवाओं को सुरक्षित अवसर प्रदान किए जाएँ।

ननबैंकिंग कंपनियों में फंसे पैसे और सूदखोरी पर सख्त रोक की मांग

विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सहारा इंडिया, एपीलाइन, साईं प्रकाश, पल्स, रोज़ वेली सहित कई ननबैंकिंग कंपनियों ने झारखंड के गरीबों व किसानों की खून–पसीने की कमाई को डुबो दिया है। उन्होंने कहा कि संसद द्वारा पारित BUDS Act 2019 को झारखंड में लागू किए बिना निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं मिल सकता।
इसके साथ ही उन्होंने महिला मंडलों के सदस्यों को दिए गए सूदखोरी आधारित ऋण पर रोक लगाने की मांग की। उनके अनुसार महिलाओं का आर्थिक दोहन रोका जाना चाहिए और:

  • व्यवसाय करने की इच्छुक महिलाओं को बिना ब्याज वाली पूंजी मिले,
  • और महिला मंडलों पर बकाया सभी ऋणों को माफ किया जाए।

‘आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम और बढ़ते जन-सवाल

विजय सिंह ने कहा कि “आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम में जनता द्वारा कही गई समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार 5 दिसंबर 2025 से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में मजदूर–किसान और जन-हित से जुड़े सवालों पर ठोस कदम नहीं उठाती है, तो:

“2026 के बजट सत्र में विधानसभा का घेराव होगा और पूरे राज्य में सरकार की लूटनीति के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि 7–8 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित सुरजीत भवन में AIPF का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होगा। इसके बाद 2026 में झारखंड में व्यापक जन-आंदोलन चलाया जाएगा।

वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति

इस प्रेस वार्ता में झारखंड नवनिर्माण दल के वरिष्ठ नेता आदित्य सिंह, शिवप्रसाद साहू और बसंत उरांव मौजूद रहे और उन्होंने भी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।

न्यूज़ देखो: जनता के मुद्दों पर सीधी चुनौती

यह बयान झारखंड की मौजूदा राजनीतिक स्थिति में जनता के सवालों की गंभीरता को उजागर करता है। विजन 2050 पर उठे संदेह यह दर्शाते हैं कि विकास के दावों के बीच आधारभूत समस्याएँ अब भी जमीनी स्तर पर कायम हैं। विपक्ष की यह चुनौती सरकार पर जवाबदेही तय करने और जनता के वास्तविक मुद्दों पर काम करने का दबाव बढ़ाती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूक नागरिकता से ही बदलेगा भविष्य

राज्य के विकास का रोडमैप तभी सार्थक होता है जब जनता की वास्तविक जरूरतें और समस्याएँ प्राथमिकता में हों। रोजगार, निवेश की सुरक्षा, महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और युवाओं की भागीदारी—इन सभी बिंदुओं पर हमें एक जागरूक समाज के रूप में सक्रिय रहना होगा। अब समय है कि हम विचारों के साथ-साथ कार्रवाई की दिशा में भी आगे बढ़ें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और झारखंड के विकास की राह में सकारात्मक भूमिका निभाएँ।

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