Dumka

WBPDCL पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, दुमका में कोयला ढुलाई पर अनिश्चितकालीन हड़ताल

Join News देखो WhatsApp Channel
#दुमका #कोयलापरिवहनविवाद : ग्राम प्रधान जॉन सोरेन के नेतृत्व में शिवतल्ला के ग्रामीणों ने कोयले की ढुलाई पर पूरी तरह लगाई रोक — WBPDCL पर हक से वंचित करने का आरोप
  • WBPDCL की कोयला ढुलाई पर शिवतल्ला में ग्रामीणों ने लगाया प्रतिबंध
  • गांव की ज़मीन पर खनन, लेकिन मुआवज़ा और सुविधाओं से ग्रामीण वंचित
  • सांसद नलिन सोरेन और विधायक आलोक सोरेन का आंदोलन को समर्थन
  • प्रदूषण, बीमारियों और टूटी सड़कों से ग्रामीण नाराज़
  • तीन किलोमीटर तक कोयला ट्रकों की लंबी कतार लगी
  • प्रशासन ने समझौता कराने के लिए बातचीत शुरू की

विरोध का कारण: कंपनी के लाभ या जनता की तकलीफ?

पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (WBPDCL) द्वारा दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड में कोयले की ढुलाई को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। शिवतल्ला गांव के लोग अपने हक और पर्यावरणीय अधिकारों की रक्षा के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर आए हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि WBPDCL उनकी जमीन से कोयला निकालकर भारी मुनाफा कमा रही है, लेकिन स्थानीय जनता को कोई मुआवज़ा, लाभ या बुनियादी सुविधा नहीं दी जा रही

आंदोलन के पीछे की आवाज: ग्राम प्रधान की अगुवाई

इस हड़ताल का नेतृत्व ग्राम प्रधान जॉन सोरेन कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा:

ग्राम प्रधान जॉन सोरेन ने कहा: “हर रोज हजारों टन कोयला हमारे गांव से ले जाया जाता है, लेकिन हमें न मुआवज़ा मिलता है, न सड़कें ठीक होती हैं, और न ही स्वच्छ हवा। हम अब चुप नहीं बैठेंगे।”

उन्होंने बताया कि ट्रकों के कारण धूल-धक्कड़ और गड्ढों से भरी सड़कें, स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बन चुकी हैं

असर दिखा रहा है आंदोलन: कंपनी की सप्लाई बाधित

हड़ताल के कारण WBPDCL के ट्रकों की रफ्तार थम चुकी हैकोयला ढुलाई पूरी तरह रुक गई है और सड़कों पर तीन किलोमीटर लंबी कतार बन गई है। दुमका रेलवे स्टेशन तक कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिससे कंपनी की सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है।

राजनीतिक समर्थन से आंदोलन को मजबूती

सांसद नलिन सोरेन और विधायक आलोक सोरेन ने इस आंदोलन को न्यायोचित बताते हुए पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है।

काठीकुंड प्रखंड प्रशासन भी अब बीच में उतर चुका है और कंपनी तथा ग्रामीणों के बीच समझौता कराने की पहल शुरू की गई है

ग्रामीणों की प्रमुख मांगें

  • ग्राम सभा की स्वीकृति के बिना खनन कार्य रोका जाए।
  • पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था सुधारी जाए।
  • ट्रकों से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराई जाए।
  • स्थानीय लोगों को रोजगार और मुआवज़ा सुनिश्चित किया जाए।

न्यूज़ देखो: कोयले से उठती आवाजों का जिम्मेदार मंच

WBPDCL जैसे बड़े उपक्रम जब स्थानीय लोगों की ज़मीन और जीवन को नज़रअंदाज़ करते हैं, तो आवाज़ उठाना जरूरी हो जाता है। न्यूज़ देखो इस संघर्ष की नब्ज को समझते हुए आपकी समस्याओं को राज्य और प्रशासन तक पहुंचाने का काम करता रहेगा। यह सिर्फ खनन का मुद्दा नहीं, यह हक, स्वास्थ्य और सम्मान की लड़ाई है — और हर ऐसी लड़ाई में न्यूज़ देखो आपके साथ है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूकता से ही मिलेगा समाधान

अपने हक और पर्यावरण को सुरक्षित रखना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। इस खबर को पढ़ने के बाद आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके बताएं, इस खबर को रेट करें और अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ ज़रूर शेयर करें — ताकि हर नागरिक को जानकारी और अधिकार दोनों मिले।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: