
#बानो #अवैधबालूखनन : रात के अंधेरे में बालू माफियाओं का गोरखधंधा जारी, ग्रामीणों ने पंचायत भवन में खड़ा कराया हाईवा
- बेड़ारगी पंचायत के ग्रामीणों ने अवैध बालू लदा हाईवा पकड़ा।
- महाबूआंग थाना क्षेत्र में रविवार देर रात की घटना।
- ग्रामीणों ने खनन विभाग पर मिलीभगत का आरोप लगाया।
- कोयल नदी के कई घाटों से रोजाना दर्जनों हाईवा से अवैध उठाव का दावा।
- जिला खनन पदाधिकारी के आने तक हाईवा नहीं छोड़ने का एलान।
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में अवैध बालू खनन का धंधा लगातार फल-फूल रहा है। बालू माफिया रात के अंधेरे का फायदा उठाकर विभिन्न बालू घाटों से योजनाबद्ध तरीके से अवैध बालू उठाव कर रहे हैं। इसी क्रम में रविवार देर रात महाबूआंग थाना क्षेत्र अंतर्गत बेड़ारगी पंचायत के ग्रामीणों ने अवैध बालू से लदे एक हाईवा को रंगे हाथों पकड़ लिया।
ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी कई बार बालू माफियाओं को गांव क्षेत्र से बालू निकासी नहीं करने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन माफियाओं ने ग्रामीणों की बातों को अनसुना कर दिया। रात के समय चोरी-छिपे बालू उठाव जारी रहने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था, जो इस घटना के बाद खुलकर सामने आया।
ग्रामीणों का आरोप, राजस्व और सुरक्षा दोनों को नुकसान
ग्रामीणों का आरोप है कि बालू माफिया न केवल राज्य के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा और अधिकारों की भी खुलेआम अनदेखी कर रहे हैं। अवैध खनन के कारण गांव के रास्ते क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और भारी वाहनों के आवागमन से दुर्घटना का खतरा भी बढ़ गया है।
इस पूरे मामले में जिला खनन विभाग की चुप्पी पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे खनन विभाग और बालू माफियाओं की मिलीभगत की आशंका और गहरी हो गई है।
पंचायत भवन में खड़ा कराया हाईवा, सख्त रुख
ग्रामीणों ने पकड़े गए हाईवा को पंचायत भवन में खड़ा कर दिया है। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक जिला खनन पदाधिकारी स्वयं गांव पहुंचकर वाहन को जब्त नहीं करते, तब तक हाईवा को छोड़ा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई के बाद बानो प्रखंड में सक्रिय बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
छोटे ट्रैक्टर मालिकों में भी रोष
सूत्रों के अनुसार, क्षेत्र में बड़े बालू माफिया छोटे ट्रैक्टर मालिकों को बालू उठाव की अनुमति नहीं देते। जब छोटे ट्रैक्टर मालिक बालू उठाव करते हैं तो उन्हें खनन विभाग के माध्यम से पकड़वा दिया जाता है, जबकि बड़े हाईवा बेखौफ होकर अवैध खनन करते रहते हैं। इससे छोटे ट्रैक्टर मालिकों में भी भारी रोष व्याप्त है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कोयल नदी के बिरनी बेड़ा और लताकेल घाट से प्रतिदिन दर्जनों हाईवा द्वारा अवैध बालू उठाव किया जा रहा है। इस संबंध में खनन विभाग को कई बार जानकारी देने के बावजूद अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्राम सभा के नियंत्रण की मांग
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने बैठक आयोजित कर बालू घाटों को ग्राम सभा के नियंत्रण में देने की मांग उठाई। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में बालू घाटों पर माफियाओं का कब्जा है, जिसे हटाना बेहद जरूरी है। बैठक में बेड़ारगी पंचायत की मुखिया हेलेन तथा सांसद प्रतिनिधि अजीत कुंडलना भी उपस्थित रहे और ग्रामीणों की मांगों का समर्थन किया।
न्यूज़ देखो: प्रशासनिक जिम्मेदारी पर सवाल
बानो प्रखंड में अवैध बालू खनन की घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि आखिर जिम्मेदार विभाग कब तक आंखें मूंदे रहेगा। यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों का आक्रोश और भी उग्र हो सकता है।
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अब कार्रवाई जरूरी
अवैध खनन पर रोक लगाना सिर्फ कानून का सवाल नहीं, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा और अधिकारों से भी जुड़ा मुद्दा है। इस खबर को साझा करें और अपनी राय बताएं, ताकि प्रशासन तक जनता की आवाज मजबूती से पहुंचे।





