
#पचम्बा #गिरिडीह #थानाघेराव – तीन दिन बीतने के बाद भी मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं, सुंदरटांड के ग्रामीणों ने थाने में ही धरना शुरू किया
- गिरिडीह के पचम्बा थाना क्षेत्र के सुंदरटांड गांव में पुलिस निष्क्रियता के खिलाफ ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन
- पंचायत के दौरान अंजुमन सदर और उनके भाई के साथ हुई मारपीट के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं
- पुलिस पर गंभीर आरोप: तीन दिन बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं, एफआईआर दर्ज कर ठंडे बस्ते में डाला गया मामला
- थाना परिसर में धरना शुरू, ग्रामीण बोले – जब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं होंगे, प्रदर्शन जारी रहेगा
- इलाके में तनावपूर्ण माहौल, पुलिस प्रशासन की चुप्पी पर स्थानीयों में आक्रोश
पुलिस की निष्क्रियता पर फूटा जनता का गुस्सा
गिरिडीह जिले के पचम्बा थाना क्षेत्र स्थित सुंदरटांड गांव में बुधवार को दर्जनों ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि तीन दिन पहले गांव में एक पंचायत के दौरान अंजुमन सदर और उनके भाई के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। पीड़ित पक्ष ने तुरंत इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
धरने पर बैठे ग्रामीण, बोले – कार्रवाई नहीं तो धरना नहीं हटेगा
पुलिस की लापरवाही से नाराज होकर ग्रामीणों ने थाना परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
स्थानीय ग्रामीण नसीर अहमद ने कहा:
“हमने न्याय की उम्मीद से शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। अगर यही हाल रहा तो कानून पर से भरोसा उठ जाएगा।”
तनावपूर्ण माहौल, पुलिस बनी तमाशबीन
इस विरोध प्रदर्शन के चलते इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। वहीं, थाना परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बने। हालांकि अब तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है।
ग्रामीणों की मांग : सभी आरोपी हों गिरफ्तार
ग्रामीणों की मांग है कि तत्काल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो और पीड़ितों को सुरक्षा दी जाए। साथ ही यह भी मांग की गई कि थाने में दर्ज शिकायतों पर समयबद्ध कार्रवाई की जाए, ताकि लोगों का कानून व्यवस्था पर भरोसा बना रहे।
न्यूज़ देखो: न्याय की मांग को अनदेखा करना अस्वीकार्य
अगर पीड़ित थाने में शिकायत कर भी न्याय न पाए, तो आम जनता कहां जाए? गिरिडीह की यह घटना बताती है कि निष्क्रिय पुलिस तंत्र लोगों में अविश्वास पैदा कर रहा है। न्यूज़ देखो सवाल करता है — कब जागेगा प्रशासन?
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जब जनता सड़कों पर हो, तो सिस्टम को जगना ही होगा
गांव की सच्चाई यही है — लोग अब चुप नहीं बैठेंगे। पुलिस को अब ढुलमुल रवैये से बाहर आकर कार्रवाई करनी होगी। जनता की आवाज़ को अनसुना करना अब प्रशासन के लिए भारी पड़ सकता है।