Latehar

लातेहार में फेल जल-नल योजना से ग्रामीणों की उम्मीद टूटी: खेती और रोजगार संकट में, उपायुक्त और मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग

Join News देखो WhatsApp Channel

#लातेहार #जल_संकट – योजनाओं की धज्जियां, टूटे पाइप और सूनी टंकियां… ग्रामीण बोले – अब तो सरकार सुध ले!

  • लातेहार के बालूमाथ, गारु, बरवाडीह जैसे प्रखंडों में जल-नल योजनाएं अधूरी या बंद
  • खराब मोटर, टूटी पाइपलाइन और बिजली कनेक्शन के बिना ठप पड़ी आपूर्ति व्यवस्था
  • खेती और सब्जी उत्पादन पर संकट, युवाओं को नहीं मिल रहा कृषि आधारित रोजगार
  • 2024 में हुआ था ग्रामीणों का आंदोलन, आज तक नहीं हुई कोई ठोस कार्रवाई
  • उपायुक्त और मुख्यमंत्री से ग्रामीणों ने की जांच और दुरुस्तीकरण की मांग

करोड़ों खर्च, नतीजा शून्य – लातेहार में जल-नल योजना की हकीकत

लातेहार जिले में करोड़ों रुपये खर्च कर शुरू की गई जल-नल योजना अब सिर्फ एक कागजी दावा बनकर रह गई है।
ग्रामीण इलाकों में ना तो पानी की सप्लाई हो रही है, ना मोटर और टंकियां चालू हैं।

बालूमाथ, गारु, महुआडांड़, चंदवा और बरवाडीह प्रखंडों में स्थिति और भी बदतर है।
कई गांवों में पाइपलाइन अधूरी है, कहीं मोटर खराब है तो कहीं बिजली का कनेक्शन तक नहीं है।

ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदारों ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया और विभागीय लापरवाही से पूरा सिस्टम चरमरा गया है।

खेती पर कहर, रोजगार के द्वार बंद

जल संकट का सबसे बड़ा असर ग्रामीण खेती और स्थानीय रोजगार पर पड़ रहा है।
यह इलाका सब्जी, मसाले और बागवानी फसलों के लिए अनुकूल माना जाता है।
लेकिन सिंचाई की सुविधा नहीं होने से किसान सिर्फ मानसून पर निर्भर हैं।

ग्रामीणों का कहना है –

“अगर ईमानदारी से योजना चलाई जाए तो हम साल में दो-तीन फसलें ले सकते हैं और खेती से ही रोजगार मिल सकता है।”

प्रोसेसिंग यूनिट और विपणन केंद्रों की भी जरूरत

विशेषज्ञों के मुताबिक यदि जल उपलब्धता और सिंचाई दायरा बढ़ाया जाए, तो प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड स्टोरेज और मंडियों की स्थापना हो सकती है।
इससे कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन होगा और युवाओं को यहीं रोजगार मिलेगा।

लेकिन जब बुनियादी जल आपूर्ति ही नहीं है, तो आगे की संरचना कैसे खड़ी होगी?

आंदोलन और वादों के बावजूद कोई ठोस हल नहीं

साल 2024 में महुआडांड़ के ग्रामीणों ने जल-नल योजना की विफलता को लेकर आंदोलन किया था।
उस समय विभागीय अधिकारियों ने मरम्मत और आपूर्ति बहाल करने का वादा किया था।
लेकिन एक साल बाद भी ज़मीनी सच्चाई नहीं बदली है।

उपायुक्त और मुख्यमंत्री से ग्रामीणों की गुहार

अब ग्रामीणों ने उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सभी निष्क्रिय योजनाओं की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने सरकार से यह भी कहा है कि

“जल-नल योजना के साथ-साथ तालाबों का पुनर्जीवन, जल संरक्षण और ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा दिया जाए, तभी खेती और रोजगार बचेगा।”

न्यूज़ देखो : जमीनी हकीकत का साथ

‘न्यूज़ देखो’ हर उस आवाज़ को मंच देता है जो व्यवस्था की विफलता के खिलाफ उठती है।
लातेहार जैसे जिलों में योजनाओं के नाम पर करोड़ों खर्च कर देना काफी नहीं, ज़रूरी है ईमानदारी से उनका क्रियान्वयन।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सच्ची योजनाएं तभी सार्थक होती हैं जब उनका लाभ आम लोगों तक पहुंचे। आइए, ज़िम्मेदार शासन की मांग करें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दें। ‘न्यूज़ देखो’ आपके साथ है, हर मोर्चे पर।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
1000264265
20250923_002035
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: