बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर आरोप लगाया, पाकुड़ में आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला
- पाकुड़ जिले के महेशपुर में अवैध निर्माण शुरू किया गया।
- दो समुदायों के बीच विवाद, पुलिस प्रशासन ने मामला शांत किया।
- बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर आदिवासी भूमि के अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
- आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जे की घटनाओं की सख्त जांच की मांग।
रांची: भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आदिवासियों की भूमि पर अवैध कब्जे की घटनाओं में संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि पाकुड़ जिले के महेशपुर में बाहरी लोगों द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण शुरू किया गया है, जो स्थानीय आदिवासी समाज के लिए खतरे की घंटी है।
अवैध निर्माण और विवाद
पाकुड़ जिले के महेशपुर में पीर मजार के पास एक व्यक्ति ने अवैध निर्माण कार्य शुरू किया था। यह निर्माण टीना और करकट से किया जा रहा था। स्थानीय आदिवासी समाज ने इसका विरोध किया, और उन्हें संदेह था कि यह निर्माण मेले के बहाने जमीन कब्जाने की साजिश हो सकती है।
दो समुदायों के बीच विवाद
इस अवैध निर्माण को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। पहाड़िया समुदाय के लोगों ने इस निर्माण का विरोध किया, जिसके बाद यह मामला पुलिस प्रशासन तक पहुंचा। एसडीपीओ विजय कुमार और सीओ संजय कुमार सिन्हा ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया और निर्माण को हटाने के निर्देश दिए।
आदिवासियों का संघर्ष
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासी समाज झारखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत का अहम हिस्सा है, लेकिन बाहरी घुसपैठ और जमीन कब्जाने की घटनाओं के कारण वह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इन घटनाओं पर ध्यान नहीं दे रही है और आदिवासी भूमि के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
राज्य सरकार से अपील
बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से अपील की कि आदिवासियों की भूमि पर अवैध कब्जे की घटनाओं को तुरंत रोका जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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