गढ़वा। टंडवा स्थित राधा पार्वती हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में रविवार को विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन आरपी एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करना, इससे बचाव के उपायों पर जोर देना और एचआईवी संक्रमण के प्रभाव को कम करने के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत और मुख्य बातें
कार्यक्रम का उद्घाटन ट्रस्ट के निदेशक डॉ. पातंजली केशरी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि एड्स एक वैश्विक चुनौती है, और इसका उन्मूलन तभी संभव है जब सही जानकारी और सावधानियां अपनाई जाएं।
- डॉ. निधि सिंह ने बताया कि एचआईवी मुख्य रूप से रक्त, वीर्य और मां के दूध के माध्यम से फैलता है। उन्होंने दूषित सुई और असुरक्षित यौन संबंधों से बचने पर जोर दिया।
- डॉ. मनोज दास ने कहा कि एचआईवी के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे मरीज अन्य संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। उन्होंने समय-समय पर एचआईवी परीक्षण कराने की सलाह दी।
सामाजिक सहभागिता और अपील
कार्यक्रम में ओबीसी जिला अध्यक्ष रविंद्र जायसवाल ने भारत सरकार और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) की पहल का उल्लेख करते हुए बताया कि इन प्रयासों से एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने एड्स उन्मूलन के लिए समाज की सक्रिय भागीदारी की अपील की।
प्रतिभागियों का संकल्प
इस मौके पर उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने एड्स से जुड़े मिथकों को खत्म करने और समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र सोनी, डॉ. आदित्य प्रकाश, अब्दुल मन्नान, और डॉ. इश्तियाक राजा समेत कई लोग शामिल हुए।
विश्व एड्स दिवस का महत्व
हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाने वाला विश्व एड्स दिवस एचआईवी संक्रमण को रोकने और इससे पीड़ित लोगों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने का एक प्रमुख अवसर है। जागरूकता ही इस गंभीर बीमारी को रोकने का सबसे बड़ा उपाय है।