
#बरवाडीह #विश्वकर्मापूजा : पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास के बीच भव्य पंडालों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना, प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली
- बरवाडीह में विश्वकर्मा पूजा पूरे धूमधाम से मनाई जा रही है।
- अंचलाधिकारी लवकेश सिंह और थाना प्रभारी अनुप कुमार सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे।
- पुलिस जवान एएसआई अनवर और राजेश कुमार भी सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।
- बाबा चौक और रेलवे विभाग में आकर्षक पूजा पंडाल बनाए गए।
- भगवान विश्वकर्मा को औजारों और शिल्पों का देवता मानते हुए श्रद्धालुओं ने पूजन किया।
बरवाडीह में इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा का उत्सव विशेष धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। क्षेत्र के विभिन्न पूजा पंडालों में भगवान विश्वकर्मा की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गईं और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिखा। अंचलाधिकारी लवकेश सिंह और थाना प्रभारी अनुप कुमार ने क्षेत्र का भ्रमण कर पूजा पंडालों का निरीक्षण किया और पुलिस जवानों को चौकसी बरतने का निर्देश दिया।
प्रशासन की चौकस निगरानी
विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों और पूजा पंडालों में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। अंचलाधिकारी लवकेश सिंह स्वयं टीम के साथ क्षेत्र में सक्रिय रहे। वहीं थाना प्रभारी अनुप कुमार ने सभी प्रमुख स्थलों का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। एएसआई अनवर और राजेश कुमार समेत पुलिस बल लगातार गश्त कर रहे हैं ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो।
रेलवे विभाग में खास आयोजन
बरवाडीह रेलवे क्षेत्र में विश्वकर्मा पूजा का उत्सव विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। बाबा चौक, लोको विभाग और रनिंग रूम में भव्य पंडाल तैयार किए गए, जहां श्रमिकों और कर्मचारियों ने एक साथ पूजा-अर्चना की। औद्योगिक माहौल में इस आयोजन से न केवल कर्मचारियों का उत्साह बढ़ा बल्कि कार्य के प्रति समर्पण का भाव भी प्रकट हुआ।
धार्मिक महत्व और परंपरा
भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का रचयिता और औजारों व मशीनों का देवता माना जाता है। इस दिन औद्योगिक और यांत्रिक कार्यों से जुड़े लोग अपने-अपने औजारों की पूजा करते हैं। शिल्प और मेहनतकश परंपरा के प्रतीक इस पर्व पर श्रद्धालुओं ने कार्य और सृजन के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।

न्यूज़ देखो: आस्था और अनुशासन का संगम
बरवाडीह में विश्वकर्मा पूजा केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक नहीं बल्कि सामाजिक एकजुटता और प्रशासनिक सतर्कता का उदाहरण भी है। उत्सव के दौरान जहां आस्था का रंग दिखाई दिया वहीं सुरक्षा व्यवस्था ने लोगों के विश्वास को और मजबूत किया।
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परंपरा और प्रगति का मेल
विश्वकर्मा पूजा हमें मेहनत, कौशल और सृजनशीलता का महत्व सिखाती है। आइए इस पर्व पर हम सभी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लें। अपनी राय कमेंट करें, खबर को शेयर करें और परंपरा व प्रगति दोनों को मिलकर आगे बढ़ाएं।