- आयकर में राहत: शून्य कर स्लैब की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये की गई।
- कृषि सुधार: दालों और कपास के उत्पादन के लिए छह वर्षीय योजना शुरू।
- राजकोषीय घाटा: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4.4% लक्ष्य निर्धारित।
- सब्सिडी आवंटन: खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए 4.57 ट्रिलियन रुपये।
- आर्थिक वृद्धि का अनुमान: जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने की संभावना।
- इंफ्रास्ट्रक्चर: सड़क, रेलवे और हवाई अड्डों के विस्तार पर जोर।
- स्टार्टअप और डिजिटल इंडिया: नए इनोवेशन और स्टार्टअप को कर लाभ।
- ग्रीन एनर्जी: 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा प्राप्त करने की योजना।
- स्वास्थ्य और शिक्षा: डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और नए मेडिकल कॉलेजों की घोषणा।
बजट 2025: मध्यम वर्ग और किसानों को बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया। यह बजट मध्यम वर्ग, किसानों, इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इंडिया और ग्रीन एनर्जी पर केंद्रित है। सरकार ने वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए अर्थव्यवस्था को नई गति देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं।
आयकर में राहत: मध्यम वर्ग के लिए बड़ी घोषणा
इस बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। सरकार ने आयकर में शून्य कर स्लैब को बढ़ाकर 12 लाख रुपये वार्षिक कर दिया है। नई कर व्यवस्था के तहत 2.4 मिलियन रुपये और उससे अधिक की आय पर 30% की अधिकतम कर दर लागू होगी। इससे देश के लाखों करदाताओं को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी बचत बढ़ेगी।
कृषि क्षेत्र में सुधार: किसानों को मिलेगा लाभ
सरकार ने दालों और कपास के उत्पादन को बढ़ाने के लिए छह वर्षीय कार्यक्रम की घोषणा की है। इससे भारत की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी और आयात पर निर्भरता घटेगी। इसके अलावा, कृषि अनुसंधान और उच्च उपज वाले बीजों के विकास के लिए राष्ट्रीय मिशन की भी शुरुआत की गई है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
राजकोषीय घाटा और व्यय: वित्तीय अनुशासन पर सरकार का जोर
- कुल सरकारी व्यय: 50.65 ट्रिलियन रुपये।
- राजकोषीय घाटा लक्ष्य: 4.4% (पिछले वर्ष 4.8% से कम)।
- सार्वजनिक व्यय: सरकार ने बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवाओं के विकास में निवेश बढ़ाया।
राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई आर्थिक सुधारों को लागू करने की योजना बनाई है, जिससे देश की वित्तीय स्थिरता बनी रहे।
सब्सिडी आवंटन: गरीबों और किसानों के लिए राहत
सरकार ने खाद्य, उर्वरक और ग्रामीण रोजगार सब्सिडी के लिए 4.57 ट्रिलियन रुपये का आवंटन किया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के लिए 860 बिलियन रुपये का बजट रखा गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: सड़क, रेलवे और हवाई अड्डों का विस्तार
बजट 2025 में सरकार ने सड़कों, रेलवे, मेट्रो और हवाई अड्डों के विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की है। इससे परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को मजबूती मिलेगी।
डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप को बढ़ावा
- स्टार्टअप्स को कर लाभ और आसान फंडिंग की सुविधा दी जाएगी।
- डिजिटल भुगतान और ई-गवर्नेंस को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं शुरू होंगी।
भारत सरकार डिजिटल इंडिया को गति देने के लिए तकनीकी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ा रही है, जिससे नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
ग्रीन एनर्जी और पर्यावरण संरक्षण
- सरकार ने 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
- सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी।
इस पहल से भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान
- नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
- सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा।
सरकार की योजना स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने की है, जिससे जनता को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं मिलें।
महिला और युवा सशक्तिकरण
- महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता देने के लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी।
- युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स को और विस्तारित किया जाएगा।
इससे महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
आर्थिक वृद्धि का अनुमान: भारत की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। सरकार ने अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए कर कटौती और सार्वजनिक खर्च में वृद्धि जैसी योजनाओं की घोषणा की है।
निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
बजट 2025 आम जनता, किसानों, उद्योगों, डिजिटल इंडिया और ग्रीन एनर्जी पर केंद्रित है। सरकार ने आर्थिक सुधारों और वित्तीय अनुशासन के साथ देश के विकास को गति देने के लिए संतुलित नीति अपनाई है।
इस बजट से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।