- वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का निरीक्षण किया।
- गंदगी और डॉक्टरों की गैरमौजूदगी पर जताई सख्त नाराजगी।
- मरीजों ने पैर के ऑपरेशन के लिए पैसे मांगने की शिकायत की।
- इमरजेंसी वार्ड और सर्जरी वार्ड की बदहाल स्थिति पर मंत्री ने जताई चिंता।
- निर्माण कार्य में देरी पर कंपनी को 2025 के दिसंबर तक कार्य पूरा करने का निर्देश।
पलामू: झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर शनिवार को अचानक मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचे। निरीक्षण के दौरान हॉस्पिटल की गंदगी और कुव्यवस्था को देखकर मंत्री ने गहरी नाराजगी जताई। मरीजों ने भी पैर के ऑपरेशन के लिए पैसे मांगने की शिकायत की, जिस पर मंत्री ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
गंदगी और दलाली पर सख्त नाराजगी
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने सर्जरी वार्ड में बेड पर खून लगी चादर और गंदगी देखकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने हॉस्पिटल स्टाफ को निर्देश दिया कि सभी कर्मी ड्रेस कोड में रहें ताकि मरीजों को पहचानने में आसानी हो। उन्होंने दलाली पर भी सख्त कदम उठाने की बात कही।
“यह धंधा यहां नहीं चलेगा। मरीजों के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।” – राधाकृष्ण किशोर
मरीजों की शिकायतें और मंत्री की कार्रवाई
मंत्री से मरीजों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं होने और ऑपरेशन के लिए पैसे मांगे जाने की शिकायत की। एक मरीज के परिजन ने कहा, “हॉस्पिटल के कर्मी 10 हजार और 15 हजार रुपये पैर के ऑपरेशन के लिए मांग रहे हैं।” इस पर मंत्री ने अधिकारियों को सभी मरीजों का निःशुल्क इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इमरजेंसी वार्ड की बदहाल स्थिति
इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई और मॉनिटर जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं होने पर मंत्री ने कहा कि यह वार्ड सिर्फ नाम के लिए है। उन्होंने सुधार कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
निर्माण कार्य में देरी पर निर्देश
मेडिकल कॉलेज के निर्माण में पांच वर्ष की देरी पर मंत्री ने नाराजगी जताई। निर्माण कंपनी के प्रतिनिधि को उन्होंने 2025 के दिसंबर तक कार्य पूरा करने का सख्त निर्देश दिया।
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