
#चंदवा #छठपर्व : श्रद्धा, सेवा और उत्साह के संग विवेकानंद किशोर संस्थान ने निभाई समाजसेवा की परंपरा
- विवेकानंद किशोर संस्थान, चंदवा ने छठ पूजा में अपनी 55 साल पुरानी सेवा परंपरा को निभाया।
- श्रद्धालुओं के लिए प्रकाश, सफाई, जल प्रबंधन और सुविधा व्यवस्था की गई।
- छठ पर्व पर आयोजित लॉटरी कार्यक्रम में बैटरी स्कूटी रहा बंपर पुरस्कार।
- लॉटरी में द्वितीय पुरस्कार साइकिल और तृतीय पुरस्कार मिक्सर ग्राइंडर रखा गया।
- संस्थान के अध्यक्ष ने कहा – “हमारा उद्देश्य समाज में एकता और सेवा की भावना को मजबूत करना है।”
छठ महापर्व के अवसर पर विवेकानंद किशोर संस्थान, चंदवा ने एक बार फिर अपनी 55 वर्षों की गौरवशाली परंपरा को निभाते हुए समाजसेवा और श्रद्धा का परिचय दिया। हर साल की तरह इस वर्ष भी संस्था के सदस्यों ने घाटों पर पहुंचकर श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्था की।
श्रद्धा और सेवा का संगम बना छठ घाट
चंदवा के विभिन्न छठ घाटों पर संस्था के कार्यकर्ताओं ने सफाई, प्रकाश व्यवस्था, जल निकासी और श्रद्धालुओं के मार्गदर्शन की व्यवस्था की। इस दौरान संस्था के युवा सदस्य पूरे उत्साह से सक्रिय रहे। जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क पेयजल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
संस्थान के अध्यक्ष ने कहा: “हमारा उद्देश्य केवल सेवा करना नहीं बल्कि समाज में एकता, श्रद्धा और मानवीय सहयोग की भावना को बढ़ावा देना है।”
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया गया। कई स्वयंसेवकों ने घाट पर उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं की हर संभव सहायता की।
लॉटरी कार्यक्रम बना आकर्षण का केंद्र
संस्थान की ओर से इस वर्ष भी पारंपरिक लॉटरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने पूरे इलाके में उत्साह का माहौल बना दिया। लॉटरी के बंपर पुरस्कार के रूप में बैटरी स्कूटी रखा गया, जबकि दूसरा पुरस्कार साइकिल और तीसरा पुरस्कार मिक्सर ग्राइंडर था।
लॉटरी ड्रॉ के समय बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। विजेताओं की घोषणा होते ही पूरा माहौल तालियों की गड़गड़ाहट और खुशी के नारों से गूंज उठा। इस अवसर पर स्थानीय नागरिकों ने संस्था के इस मनोरंजक और पारदर्शी आयोजन की सराहना की।
समाजसेवा की मिसाल बनी संस्था
विवेकानंद किशोर संस्थान की यह सेवा यात्रा पिछले 55 वर्षों से निरंतर जारी है। हर वर्ष छठ पर्व के दौरान संस्था श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए अपना योगदान देती आ रही है। इस बार भी संस्था के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष और सक्रिय सदस्य पूरी निष्ठा से मैदान में रहे।
स्थानीय लोगों ने कहा कि संस्था के प्रयासों से छठ पर्व का आयोजन न केवल अधिक सुव्यवस्थित होता है, बल्कि सामाजिक एकता और आपसी सहयोग की भावना भी मजबूत होती है।
एक स्थानीय श्रद्धालु ने कहा: “विवेकानंद किशोर संस्थान हमारे इलाके की पहचान है। हर साल छठ के दौरान इनके सेवा कार्य से श्रद्धालुओं को बहुत सहूलियत मिलती है।”

न्यूज़ देखो: सेवा और श्रद्धा का अद्भुत संगम
विवेकानंद किशोर संस्थान की यह सेवा परंपरा समाज में संगठन, निष्ठा और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण प्रस्तुत करती है। छठ पर्व के अवसर पर संस्थान की प्रतिबद्धता यह दर्शाती है कि जब नागरिक मिलकर जिम्मेदारी निभाते हैं, तो आस्था और सेवा दोनों का संतुलन कायम रहता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समाजसेवा और एकता की मिसाल
छठ महापर्व न केवल आस्था का उत्सव है बल्कि समाज में सहयोग और सद्भाव का प्रतीक भी है। विवेकानंद किशोर संस्थान की यह परंपरा आने वाली पीढ़ियों को निस्वार्थ सेवा और जनकल्याण की राह दिखाती है।
सजग रहें, सहभागी बनें।
अपनी राय कमेंट करें, खबर को शेयर करें और समाज में सेवा भावना का संदेश फैलाएं।




