वृद्ध और विधवा महिलाओं के प्रति सरकार का रवैया उदासीन: मौर्या


मौर्या की आलोचना

भा.ज.पा. के जिला सोशल मीडिया प्रभारी मनोज मौर्या ने मैया सम्मान योजना को लेकर झारखंड सरकार की नीति पर गहरी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह योजना वोट बैंक की राजनीति के तहत महिलाओं के बीच भेदभाव को जन्म देती है।

मौर्या ने स्पष्ट किया कि शारीरिक रूप से असहाय महिलाओं को 1000 रुपये मासिक दिया जा रहा है, जबकि शारीरिक रूप से सक्षम और सबल महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं। उन्होंने इस नीति को सामाजिक असमानता और भेदभाव की ओर बढ़ने वाला बताया, जिससे दुर्बल महिलाओं में घृणा और द्वेष की भावना पैदा हो रही है।

मानसिक भेदभाव का खतरा

उन्होंने कहा कि यह भेदभाव महिलाओं के बीच मानसिक तनाव का कारण बन रहा है। वृद्ध और विधवा महिलाओं को मिलने वाली कम राशि उनके मनोबल को प्रभावित कर रही है। इससे दुर्बल महिलाओं में अपने वृद्ध होने या विधवा होने का मलाल और रोष पैदा हो रहा है।

मैया सम्मान योजना और घरेलू हिंसा

मौर्या ने यह भी कहा कि इस योजना के परिणामस्वरूप घरेलू हिंसा में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे कुछ पति अपनी पत्नी द्वारा बचाए गए पैसों को जबरन मांगते हैं, और यदि उन्हें यह राशि नहीं मिलती तो वे पत्नी के साथ मारपीट तक कर सकते हैं। इस प्रकार, यह योजना घरेलू हिंसा को बढ़ावा दे सकती है।

दुरुपयोग और शारीरिक दुर्बलता

उन्होंने चिंता जताई कि मुफ्त में मिलने वाली राशि का दुरुपयोग होगा और इससे महिलाओं का स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। महिलाएं जो पहले मेहनत-मजदूरी करती थीं, अब सरकारी धन पर निर्भर होकर शारीरिक रूप से अधिक दुर्बल हो सकती हैं।

मौर्या की सुझाव

मौर्या ने कहा कि सरकार को इस योजना की त्रुटियों और दुष्परिणामों पर ध्यान देना चाहिए। जबकि योजना का उद्देश्य जनकल्याण है, लेकिन यह अधिक हानिकारक साबित हो सकती है और महिलाओं के हित में कम है।

‘न्यूज़ देखो’ का संदेश

महिलाओं के अधिकारों और कल्याण के बारे में अधिक जानने के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ। हम आपके लिए महत्वपूर्ण घटनाओं और समाज से जुड़ी खबरें लाते हैं।


Exit mobile version