
#मेदिनीनगर #झारखंडक्रांतिमंच – भ्रष्टाचार पर फूटा मंच का गुस्सा, राज्य की 25 वर्षों की सरकारों को बताया ‘लूट गठजोड़’
- झारखंड क्रांति मंच ने सरकार, नौकरशाही और कॉरपोरेट गठजोड़ पर साधा निशाना
- संस्थापक शत्रुघ्न शत्रु ने प्रेस वार्ता में कहा – झारखंड बना ‘लूटखण्ड’
- भ्रष्ट राजनेताओं, अधिकारियों और टेक्नोक्रेट्स का नाम लेकर गंभीर आरोप
- खनिज संपदा से समृद्ध प्रदेश में बेरोजगारी, पलायन और मौत की कहानी
- राज्य के 25 वर्षों की उपलब्धियां ‘भ्रष्टाचार के चेहरे’ – मंच का आरोप
25 वर्षों में झारखंड की सूरत बिगाड़ दी गई: शत्रुघ्न शत्रु
झारखंड क्रांति मंच के संस्थापक और केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने सोमवार को मेदिनीनगर में एक प्रेस वार्ता में झारखंड की मौजूदा स्थिति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि:
“भ्रष्ट राजनेताओं, नौकरशाहों और टेक्नोक्रेट्स के गठजोड़ ने झारखंड को लूटखण्ड बना डाला है।”
उन्होंने राज्य गठन से अब तक की सभी सरकारों पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड को समृद्ध राज्य बनाने की बजाय लूट का अड्डा बना दिया गया।
भाजपा से हेमंत सरकार तक, सबको घेरा
शत्रु ने भाजपा की पहली सरकार के मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि:
“झारखंड में कॉरपोरेट लूट और भ्रष्टाचार की नींव बाबूलाल सरकार ने रखी थी, उसी लकीर पर आज हेमंत सरकार भी चल रही है।”
उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा की सरकार हो या झामुमो की, जनसरोकारों के बजाय सत्ता में बैठे लोग केवल संसाधनों की लूट में लगे रहे।
गरीबी, पलायन और लाशें – यथार्थ की तस्वीर
खनिज संपदा, घना वन और मानव संसाधन के बावजूद राज्य में प्रति व्यक्ति आय में गिरावट, भयावह बेरोजगारी, और पलायन जैसी समस्याएं चरम पर हैं। शत्रु ने कहा कि:
“झारखंड में रोज़गार के अभाव में हो रहा पलायन अब जानलेवा बन गया है। रोज किसी मजदूर की मौत की खबर सामने आ रही है।”
‘भ्रष्टाचार ही बन गई है झारखंड की पहचान’
शत्रुघ्न शत्रु ने सीधे नाम लेकर कहा कि राज्य की 25 वर्षों की उपलब्धियों के तौर पर लोग आज मधु कोड़ा, एनोस एक्का, भानु प्रताप शाही, आलमगीर आलम, पूजा सिंघल, छवि रंजन, गजेन्द्र सिंह, विनय चौबे और टेक्नोक्रेट विरेन्द्र राम जैसे लोगों को याद करते हैं। ये सभी भ्रष्टाचार के प्रतीक बन चुके हैं।
उन्होंने कहा कि:
“आज हर झारखंडवासी के मन में यह सवाल है – क्या सिर्फ इन लोगों को लूटने के लिए झारखंड अलग राज्य बना था?”
न्यूज़ देखो : सवाल उठाना जरूरी है, जब जवाब गायब हों
न्यूज़ देखो मानता है कि राज्य के भविष्य और जनता की आवाज़ को गंभीरता से सुना जाना चाहिए। राजनीतिक-प्रशासनिक गठजोड़ की जांच, संसाधनों की लूट और जवाबदेही की मांग हर झारखंडी का अधिकार है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।