
#रांची #मॉनसून_जलजमाव : पटेल चौक बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर हाल बेहाल — घुटनों तक पानी से गुजरने को मजबूर यात्री और दुकानदार
- रांची में लगातार बारिश के चलते शहर के कई इलाकों में जलजमाव की गंभीर समस्या
- पटेल चौक स्थित सरकारी बस स्टैंड पर यात्रियों को घुटनों तक पानी से गुजरना पड़ रहा
- रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर भी फूड स्टॉल और दुकानों के आगे भरा रहता है गंदा पानी
- दुकानदारों का आरोप: नगर निगम समय पर नाली की सफाई नहीं करता
- स्थानीय लोग बोले — हर साल होती है परेशानी, लेकिन नहीं मिलता स्थायी समाधान
मॉनसून में बदहाल राजधानी, जलजमाव से त्रस्त जनजीवन
झारखंड की राजधानी रांची इन दिनों भारी मॉनसून वर्षा के बाद जलजमाव की बड़ी समस्या से जूझ रही है। हालात यह हैं कि शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों जैसे बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन तक पहुंचना एक चुनौती बन चुका है।
पटेल चौक स्थित सरकारी बस स्टैंड की स्थिति सबसे चिंताजनक है। यहां हर बारिश के बाद घुटनों तक गंदा पानी भर जाता है, जिससे यात्रियों को टिकट लेने और बस में चढ़ने तक के लिए भी पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
एक स्थानीय यात्री ने बताया: “हर बार घुटनों तक पानी में जाना पड़ता है। कई बार फिसलने से लोग घायल भी हो जाते हैं।”
दुकानदारों की बेबसी, व्यापार पर असर
बस स्टैंड पर मौजूद दुकानदारों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि समय पर नालियों की सफाई नहीं होने से हल्की वर्षा में भी चारों ओर पानी भर जाता है।
दुकानदारों को मजबूरी में गंदे पानी के बीच ठेला और दुकान चलानी पड़ती है, जिससे व्यापार पर असर तो पड़ता ही है, बीमारियों का भी डर बना रहता है।
एक दुकानदार ने कहा: “पानी में खड़े रहकर सामान बेचना हमारी मजबूरी है, लेकिन प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता।”
रेलवे स्टेशन भी बेहाल, फूटपाथ बना तालाब
रांची रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने भी जलजमाव की गंभीर समस्या बनी हुई है। यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलते ही गंदे पानी में डूबे फुटपाथ से होकर निकलना पड़ता है। फूड स्टॉल चलाने वाले लोगों को पानी में ही खड़े होकर काम करना पड़ता है।
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि पानी कई दिनों तक जमा रहता है, जिससे दुर्गंध और मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा हर साल मंडराता है।
जनता का सवाल: कब मिलेगा स्थायी समाधान?
स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने प्रशासन से जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने और ड्रेनेज सिस्टम को स्थायी रूप से ठीक करने की मांग की है। उनका कहना है कि हर साल यही समस्या होती है, लेकिन नगर निगम सिर्फ नाम मात्र की कार्रवाई करता है।
एक व्यापारी बोले: “मॉनसून आते ही रांची तालाब बन जाता है। प्रशासन को खुद यहां से गुजरना चाहिए तब समझ आएगी परेशानी।”

न्यूज़ देखो: नगर निगम की सुस्ती, जनता की बेबसी
रांची की हालत यह बयां करती है कि विकास की घोषणाएं कागजों तक सीमित हैं, और ज़मीन पर बस गंदा पानी है। पटेल चौक और रेलवे स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जलजमाव प्रशासनिक लापरवाही का जीवंत उदाहरण बन गया है।
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यह खबर सिर्फ असुविधा नहीं, जनस्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा मामला है। इसे पढ़कर आप भी प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाएं और इस जानकारी को मित्रों और परिजनों के साथ साझा करें।