
#खूंटी #महिला_सशक्तिकरण : तोरपा के पूर्वी पंचायत भवन में ‘पीरियड पाठशाला’ एवं पंचायत महिला मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित
- डब्ल्यूसीएसएफ चैरिटीस्पिरिट फाउंडेशन द्वारा तोरपा में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।
- मासिक धर्म स्वच्छता, मिथकों के समाधान और वैज्ञानिक जागरूकता पर विशेष फोकस।
- तोरपा प्रखंड के सभी पंचायतों में हर महीने ‘पीरियड पाठशाला’ आयोजित करने का निर्णय।
- संस्थापक जितेंद्र कुमार वर्मा एवं स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रियंका कुमारी ने दी मार्गदर्शन।
- महिला हिंसा रोकथाम, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर सामूहिक संकल्प लिया गया।
- कई पंचायतों से आई रुचि, बिनिता, आरती, शीमा, ज्योति, लीलावती, वर्षिता, दयमनी, संगीता सहित महिला मित्रों ने भाग लिया।
खूंटी ज़िले के तोरपा प्रखंड स्थित पूर्वी पंचायत भवन में आयोजित यह कार्यक्रम डब्ल्यूसीएसएफ चैरिटीस्पिरिट फाउंडेशन की ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में चल रही निरंतर मुहिम का महत्वपूर्ण चरण था। बड़ी संख्या में आई पंचायत महिला मित्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और माहवारी स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं सामाजिक नेतृत्व से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं। संस्था के संस्थापक जितेंद्र कुमार वर्मा और स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रियंका कुमारी की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाया, जिससे प्रतिभागियों में नई ऊर्जा का संचार हुआ।
‘पीरियड पाठशाला’ क्यों ज़रूरी?
डब्ल्यूसीएसएफ चैरिटीस्पिरिट फाउंडेशन लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और किशोरियों से जुड़े स्वास्थ्य मुद्दों पर काम कर रहा है। मासिक धर्म आज भी कई गांवों में वर्जनाओं, गलत धारणाओं और संकोच से घिरा विषय है। ‘पीरियड पाठशाला’ जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य इन मिथकों को वैज्ञानिक जानकारी के माध्यम से समाप्त करना और महिलाओं को आत्मविश्वास के साथ अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करना है। प्रतिभागियों को मासिक धर्म प्रबंधन, स्वच्छता उत्पादों के सुरक्षित उपयोग, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
हर पंचायत में हर महीने ‘पीरियड पाठशाला’
कार्यक्रम के दौरान यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि तोरपा प्रखंड के सभी पंचायतों में हर महीने ‘पीरियड पाठशाला’ आयोजित की जाएगी। इसका संचालन स्वयं प्रशिक्षित पंचायत महिला मित्र करेंगी, जिससे स्थानीय स्तर पर जागरूकता का दायरा बढ़ेगा और निरंतर संवाद बना रहेगा। यह प्रयास महिलाओं को न केवल स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देगा बल्कि समुदाय में नेतृत्व की उनकी भूमिका को भी मजबूत करेगा।
महिला शिक्षा, हिंसा रोकथाम और रोजगार पर भी जोर
प्रशिक्षण केवल माहवारी तक सीमित नहीं रहा। महिला हिंसा रोकथाम, बालिकाओं की शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य जागरूकता और स्थानीय रोजगार से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम में शामिल महिला मित्रों—रुचि कुमारी, बिनिता कुमारी, आरती कुमारी, शीमा देवी, ज्योति कुमारी, लीलावती कुमारी, वर्षिता कुमारी, दयमनी सूरिन, संगीता कुमारी और अन्य—ने अपने-अपने पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया।
फाउंडेशन का लक्ष्य — सुरक्षित, शिक्षित, आत्मनिर्भर महिलाएँ
डब्ल्यूसीएसएफ चैरिटीस्पिरिट फाउंडेशन लंबे समय से यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों की हर महिला सुरक्षित, शिक्षित, स्वस्थ और आत्मनिर्भर बने। संस्था मानती है कि मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता समाज में महिलाओं की सम्मानजनक और आत्मविश्वासी स्थिति का आधार तैयार करती है। ‘पीरियड पाठशाला’ जैसी पहलें इस दिशा में बेहद प्रभावी साबित हो रही हैं।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण बदलाव की असली शक्ति महिलाएँ
तोरपा में हुआ यह आयोजन साबित करता है कि जब महिलाओं को सही जानकारी और प्रशिक्षण मिलता है, तो पूरा समाज बदलने लगता है। महिला मित्रों का सक्रिय नेतृत्व यह संकेत देता है कि आने वाले समय में स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में बड़े सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सशक्त महिलाएँ, सशक्त समाज — बदलाव की शुरुआत यहीं से
आज का यह कार्यक्रम हमें याद दिलाता है कि बदलाव किसी बड़े शहर से नहीं, बल्कि गांव की मिट्टी से भी शुरू हो सकता है। अब समय है कि हम सब मिलकर महिला स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा की दिशा में सहयोग करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को ज़रूर शेयर करें, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पहल से जुड़ सकें।





