Site icon News देखो

झारखंड में मौसम का मिज़ाज बदला: अगले तीन दिन वज्रपात और भारी बारिश का अलर्ट जारी

#झारखंड #मौसम : रांची समेत कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट, पर्व-त्यौहार के मौसम पर असर की आशंका

झारखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और आने वाले दिनों में वज्रपात और भारी बारिश से चुनौती बढ़ने वाली है। मौसम विभाग ने 14 सितंबर तक के लिए अलर्ट जारी किया है, जिसमें कई जिलों में तेज बारिश, बिजली गिरने और आंधी-तूफान की आशंका जताई गई है। पर्व-त्यौहार के मौसम पर इसका असर पड़ सकता है।

कई जिलों में अलर्ट का असर

रांची मौसम केंद्र के अनुसार 10 सितंबर की दोपहर 3 से 6 बजे तक रांची, गुमला, खूंटी, लोहरदगा और रामगढ़ जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया। इसका असर बुधवार दोपहर बाद रांची में साफ देखा गया जब मौसम अचानक बदल गया।
इसी तरह बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, जामताड़ा, लातेहार, पलामू, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम में येलो अलर्ट जारी हुआ। वहीं 11 सितंबर को पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट लागू रहेगा।

मानसून का आंकड़ा सामान्य से ज्यादा बारिश

झारखंड में 1 जून से 10 सितंबर तक कुल 1053.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 882.2 मिमी से लगभग 19 प्रतिशत अधिक है। पूर्वी सिंहभूम सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां सामान्य से 63 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है और इसे लार्ज एक्सेस कैटेगरी में रखा गया है।
रांची, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, लातेहार, रामगढ़, धनबाद और जामताड़ा में भी 23 से 54 प्रतिशत तक सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है। वहीं पाकुड़ अकेला ऐसा जिला है जहां सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

पिछले 24 घंटे का हाल

पिछले 24 घंटों में धनबाद के पुटकी में सबसे अधिक 86.0 मिमी बारिश दर्ज की गई। तापमान की बात करें तो चाईबासा का अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान लातेहार में 21.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। धनबाद, जामताड़ा, कोडरमा, बोकारो, रांची और हजारीबाग के विभिन्न हिस्सों में 5 से 67.2 मिमी तक वर्षा हुई।

न्यूज़ देखो: सावधानी ही सुरक्षा का सबसे बड़ा उपाय

झारखंड में बारिश और वज्रपात का यह दौर किसानों, आम लोगों और पर्व-त्यौहार की तैयारियों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में प्रशासन और नागरिकों की संयुक्त जिम्मेदारी है कि सावधानी बरती जाए और मौसम विभाग के अलर्ट को हल्के में न लिया जाए।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सावधानी बरतें सुरक्षित रहें

प्रकृति की मार से बचने का सबसे बड़ा उपाय है सतर्कता। ग्रामीण इलाकों के लोग खुले मैदान और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें। अब समय है कि हम सभी मौसम की चेतावनियों को गंभीरता से लें और जागरूक नागरिक बनें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें ताकि समय रहते सतर्कता फैलाई जा सके।

📥 Download E-Paper

Exit mobile version