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गुरु पूर्णिमा पर गढ़वा में श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र जी का साप्ताहिक सत्संग संपन्न

#गढ़वा #गुरुपूर्णिमासत्संग : सद्गुरु के चरणों में श्रद्धा और समर्पण — समाज के कल्याण के लिए सैकड़ों ने लिया सतनाम जब का संकल्प

श्रद्धा, सेवा और साधना का सामूहिक उत्सव

गढ़वा जिले के गढ़ देवी मोहल्ला स्थित गुरु भाई जगजीवन बघेल जी के निवास पर गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर परम प्रेममय युग पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र जी का साप्ताहिक सत्संग अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुआ। आयोजन की शुरुआत शंखध्वनि और “बंदे पुरुषोत्तम की जय” घोष से हुई। इसके बाद सामूहिक प्रार्थना, सतनाम का जाप, ध्यान और सभी धर्मग्रंथों का पाठ किया गया।

सत्संग स्थल पर भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन, आरती और प्रसाद वितरण की भी सुंदर व्यवस्था की गई थी। महाप्रसाद ग्रहण कर सभी श्रद्धालु आनन्दित हुए और ठाकुर जी के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

ठाकुर जी के जीवन पर प्रकाश

इस पावन अवसर पर पलामू प्रमंडल के वरिष्ठ एसपीआर कुलदीप मिश्रा जी ने श्री श्री ठाकुर जी के जीवन और उनके उपदेशों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि—

कुलदीप मिश्रा ने कहा: “बिना सत्संग विवेक नहीं आता। सत्संग में आकर मनुष्य को जीवन का सच्चा मार्ग मिलता है, जो न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय कल्याण का माध्यम बनता है।”

उन्होंने सत्संग में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं से दीक्षा लेने और नियमित रूप से सुबह-शाम नाम-जप करने की प्रेरणा दी। मिश्रा जी ने कहा कि गुरु के बताए मार्ग पर चलने से जीवन की हर समस्या का समाधान संभव है।

सद्गुरु से जुड़ने का आह्वान

सत्संग में यह बात जोर देकर कही गई कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में सद्गुरु के चरणों में समर्पण करना चाहिए, क्योंकि यही जीवन में सुख-शांति और आत्मिक उन्नति का सच्चा मार्ग है। भजन, ध्यान और सतनाम जाप से जीवन में विवेक और संतुलन आता है जिससे घर, परिवार, समाज और देश सभी का मंगल होता है।

श्रद्धालुओं की गरिमामयी उपस्थिति

इस कार्यक्रम में रघुवीर प्रसाद कश्यप, दिलीप कश्यप, शंकर जायसवाल, कन्हैया राम, सुरेश कुमार, खुशी कुमारी, उषा देवी, मनोरमा देवी, गीता देवी, राधिका देवी, राजेंद्र प्रसाद समेत अनेक गुरु भाई-बहनों की उपस्थिति रही। सभी ने ठाकुर जी के मार्गदर्शन को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

न्यूज़ देखो: अध्यात्म से सामाजिक बदलाव की ओर

गुरु पूर्णिमा जैसे पावन आयोजनों के माध्यम से जहां एक ओर मानव जीवन को दिशा मिलती है, वहीं दूसरी ओर समाज में एकता, सेवा और सह-अस्तित्व का भाव भी मजबूत होता है। श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र जी जैसे महापुरुषों की शिक्षाएं आज भी नैतिकता, परिवार और समाज को संबल प्रदान कर रही हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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आप भी अपने क्षेत्र में होने वाले ऐसे आयोजनों में भाग लेकर सकारात्मक सोच और सामाजिक सौहार्द का संदेश फैलाएं। यह खबर अपने दोस्तों, गुरु भाइयों और श्रद्धालुओं तक साझा करें, ताकि सद्गुरु के उपदेशों से और लोग लाभान्वित हो सकें।

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