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बालूमाथ के पूरनापानी टोले में जंगली हाथियों का तांडव — जिप उपाध्यक्ष अनिता देवी ने वन विभाग से मुआवजे की मांग की

#बालूमाथ #हाथियोंकाआतंक : रात में 12 हाथियों ने दो घरों को किया ध्वस्त, आम-कटहल खाकर बागवानी को भी पहुंचाया नुकसान — सड़क और जल समस्या को लेकर भी उठी ग्रामीणों की आवाज़

हाथियों के झुंड ने रात में मचाया कहर, दो घरों को किया पूरी तरह बर्बाद

लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड के धाधू पंचायत अंतर्गत पूरनापानी टोले में शनिवार की रात एक बार फिर जंगली हाथियों का आतंक देखने को मिला। करीब 12 हाथियों के झुंड ने गांव में घुसकर सलोनी देवी और महादेव ऊरांव के मकानों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके साथ ही आसपास के अन्य घरों को भी हल्की क्षति पहुंचाई गई।

हाथियों ने खेतों और बागानों को भी नुकसान पहुंचाया। आम और कटहल के फलों को खाया, वहीं कुछ पेड़ों और पौधों को उखाड़ दिया।

अनिता देवी ने की मुआवजा भुगतान की मांग, किया स्थलीय निरीक्षण

घटना की जानकारी मिलते ही जिला परिषद उपाध्यक्ष अनिता देवी अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं और पीड़ित परिवारों से मिलकर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुःखद है कि जंगली हाथियों के उत्पात से गरीब ग्रामीणों के घर तबाह हो रहे हैं और अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है।

अनिता देवी ने कहा: “मैं वन विभाग से आग्रह करती हूं कि सलोनी देवी और महादेव उरांव को जल्द से जल्द क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान की जाए, ताकि वे पुनर्निर्माण कर सकें।”

जल संकट और सड़क निर्माण की समस्याएं भी उजागर

स्थलीय निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने जल जीवन मिशन के तहत बनाए गए जलमीनार से पानी नहीं मिलने की शिकायत की। जिप उपाध्यक्ष ने विभाग को अवगत कराते हुए समस्या के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया।

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरनापानी टोले में सड़क नहीं बनी है। उन्होंने कई बार इसकी मांग की है लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई।

अनिता देवी ने भरोसा दिलाया: “सड़क निर्माण, जलापूर्ति और मुआवजा जैसी समस्याएं जिला उपायुक्त के समक्ष रखी जाएंगी, ताकि इनका स्थायी समाधान किया जा सके।”

न्यूज़ देखो: जंगल से सटे गांवों की अनदेखी न हो

जिन गांवों की सीमाएं जंगलों से लगती हैं, वहां हाथियों का उत्पात अब आम समस्या बनता जा रहा है। मगर चिंता की बात यह है कि प्रशासनिक जवाबदेही और त्वरित राहत की प्रक्रिया बेहद धीमी है। पूरनापानी टोले की घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या जंगल के किनारे रहने वाले परिवार राज्य की प्राथमिकता में हैं?

न्यूज़ देखो मांग करता है कि वन विभाग इन घटनाओं को गंभीरता से ले और मुआवजा भुगतान के साथ-साथ स्थायी समाधान के लिए वन-मानव टकराव प्रबंधन नीति पर अमल करे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

समस्याओं की अनदेखी नहीं, समाधान जरूरी है

ग्रामीण भारत के विकास का सपना तभी पूरा होगा जब हर गांव को बुनियादी सुविधाएं मिलें — सड़क, पानी, सुरक्षा और सम्मान। हाथियों से प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी समाधान और त्वरित मुआवजा न केवल ज़रूरी है बल्कि यह मानवता की प्राथमिकता भी होनी चाहिए।

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