
#गिरिडीह #हाथी_उत्पात : भागलपुर गांव में देर रात हाथियों का हमला—ग्रामीणों में डर, बच्चों की पढ़ाई पर संकट
- कुसमर्जा पंचायत के भागलपुर गांव में जंगली हाथियों ने मचाया उत्पात, लोगों में दहशत
- आंगनबाड़ी केंद्र और प्राथमिक विद्यालय की दीवारें ध्वस्त, बच्चों की पढ़ाई पर असर
- कई घरों को नुकसान, खेतों में भी तोड़फोड़, प्रशासन से मुआवजे की मांग
- रातभर ग्रामीणों ने छिपकर बिताया समय, बच्चों के साथ खुले में रहे लोग
- स्थायी समाधान की मांग, ग्रामीण बोले—हर साल दोहराया जाता है ये मंजर
देर रात गांव में घुसे हाथी, मचाया भारी नुकसान
गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत कुसमर्जा पंचायत के भागलपुर गांव में सोमवार रात जंगली हाथियों ने भारी उत्पात मचाया। करीब तीन हाथियों के झुंड ने गांव में घुसकर आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक विद्यालय और कई घरों की दीवारें गिरा दीं।
ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों ने खेतों में लगी मक्के और धान की फसल को भी रौंद डाला, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
डर के साए में बीती पूरी रात
हाथियों के गांव में प्रवेश करने के बाद पूरा गांव दहशत के साए में रहा। लोग अपने घरों से बाहर निकलकर खुले खेतों और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए। कई परिवारों ने पूरी रात बच्चों को लेकर जागकर बिताई।
एक ग्रामवासी ने बताया: “हम बच्चों को लेकर सुरक्षित जगह चले गए। कुछ खाने की हिम्मत नहीं हुई। पूरी रात यही डर था कि कहीं घर पर हमला न हो जाए।”
स्कूल और आंगनबाड़ी की दीवारें ढहीं, बच्चों की पढ़ाई बाधित
हाथियों के हमले में गांव के आंगनबाड़ी केंद्र और प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्री दीवारें गिरा दी गईं। इससे परिसर में रखे कई सामान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल का संचालन बाधित हो सकता है, क्योंकि बारिश के मौसम में खुले परिसर में बच्चों को बैठाना मुश्किल होगा।
निजी घरों और फसलों को भी भारी क्षति
हाथियों ने कुछ घरों की बाउंड्री तोड़ दी और आंगनों में लगे पेड़-पौधों को भी उखाड़ फेंका। कई जगहों पर अनाज के गोदाम और पशु शेड को भी नुकसान पहुंचा है। किसान वर्ग खासकर इस हमले से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जिन्हें अब सरकारी मुआवजे की उम्मीद है।
ग्रामीणों ने उठाई मुआवजे और स्थायी समाधान की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से उचित मुआवजे और हाथियों की घुसपैठ को रोकने के लिए स्थायी समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि हर साल फसल कटाई के समय हाथी गांव में घुस आते हैं, लेकिन अब तक न तो कोई फेंसिंग हुई है और न ही कोई चेतावनी तंत्र लगाया गया है।


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