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खूंटी में कोयल नदी की बाढ़ में फंसे दो मछुआरों को एनडीआरएफ ने साहस और सूझबूझ से देर रात 11 बजे सकुशल रेस्क्यू किया

#खूंटी #रेस्क्यूऑपरेशन — 15 फीट ऊंचे बहाव में चट्टान पर फंसे थे मछुआरे, रातभर चला साहसी रेस्क्यू

मछली पकड़ते वक्त चट्टान पर फंसे बिरसा लोहरा और बुधवा आइंद

खूंटी जिले के कोटांगेर गांव निवासी बिरसा लोहरा और बुधवा आइंद गुरुवार दोपहर को कोयल नदी में मछली पकड़ने गए थे। इन दोनों ने नदी में जाल डाला था, लेकिन उसे निकालते समय नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ गया। दोनों नदी के बीच एक चट्टान पर फंस गए और लौट नहीं पाए।

बच्चों की सतर्कता से फैली सूचना, गांव में मचा हड़कंप

जब दोनों युवक चट्टान पर फंसे थे, उस समय कोई बड़ा व्यक्ति मौजूद नहीं था। गांव के कुछ बच्चों ने देखा कि नदी में तेज बहाव के बीच दो युवक ‘बचाओ-बचाओ’ चिल्ला रहे हैं। बच्चों ने यह खबर गांव में दी, जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया

प्रशासन ने संभाली कमान, विधायक की पहल पर बुलाया गया एनडीआरएफ

स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दीरनिया थाना प्रभारी विकास कुमार जायसवाल और बीडीओ प्रशांत डांग मौके पर पहुंचे और जिले के वरीय अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया। तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया भी घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

अंधेरे और तेज बहाव ने बढ़ाई मुश्किलें, लेकिन जेनरेटर से किया रोशनी का इंतजाम

नदी में जलस्तर ज्यादा था और अंधेरा हो चुका था, जिससे रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही थीं। बीडीओ प्रशांत डांग ने रात साढ़े 11 बजे जंगलों के बीच जेनरेटर की मदद से लाइट की व्यवस्था करवाई, जिससे ऑपरेशन शुरू किया जा सका।

एनडीआरएफ की सूझबूझ से रेस्क्यू सफल, रस्सी टूटने और नाव क्षतिग्रस्त होने के बावजूद नहीं डिगा हौसला

बीडीओ प्रशांत डांग ने बताया: “एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम ने इंस्पेक्टर कौशल कुमार और अभिराम कुमार के नेतृत्व में रेस्क्यू अभियान चलाया। रस्सी के टूटने और नाव के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद टीम ने सूझबूझ से काम किया।”

एनडीआरएफ की टीम जब रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी, उसी दौरान रेस्क्यू की रस्सी चट्टान में फंसकर टूट गई, जिससे कुछ जवान घबरा गए। लेकिन टीम ने 15 फीट ऊंचे तेज बहाव के बीच बहादुरी दिखाते हुए दोनों मछुआरों को बाहर निकाल लिया।

लोगों ने लिया राहत की सांस, मेडिकल जांच के बाद घर भेजे गए मछुआरे

मछुआरों को सकुशल बाहर निकालने के बाद मेडिकल जांच की गई और फिर दोनों को घर भेज दिया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान विधायक सुदीप गुड़िया, बीडीओ, थाना प्रभारी, और सैकड़ों ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे। देर रात तक गांव में साहसिक रेस्क्यू की चर्चा होती रही

न्यूज़ देखो: रात की बहादुरी ने रच दी जीवन बचाने की मिसाल

खूंटी के कोटांगेर गांव में हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन सिर्फ एक घटना नहीं, एक संदेश है। प्रशासन की तत्परता, बच्चों की सतर्कता और एनडीआरएफ की बहादुरी ने मिलकर दो जिंदगियों को मौत के मुंह से बाहर निकाला। यह दिखाता है कि जब जिम्मेदार लोग और सतर्क नागरिक मिलते हैं, तो कोई आपदा बड़ी नहीं रहती।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बारिश के इस मौसम में नदियों के आसपास जाना खतरे से खाली नहीं। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और प्राकृतिक संकेतों को नजरअंदाज न करें। इस खबर को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें और हमें कमेंट में बताएं – क्या आपने कभी किसी को रेस्क्यू होते देखा है?

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