
#चंदवा #दशहरा : युवा भारत ने संभाली कमान, महिलाओं की सुरक्षा और अनुशासन पर रहेगा खास ध्यान
- जय हिंद पुस्तकालय चंदवा में बैठक, युवा भारत ने रावण दहन को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया।
- राजकुमार पाठक की अध्यक्षता में हुई बैठक में बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता शामिल हुए।
- महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्थाओं पर जोर दिया गया।
- 100 युवाओं की टीम पूरे कार्यक्रम में अनुशासन और सुरक्षा संभालेगी।
- दिवंगत पूर्व 20 सूत्री अध्यक्ष सुरेश गंझु को श्रद्धांजलि दी गई और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प।
चंदवा में इस बार दशहरा पर्व पर होने वाला रावण दहन सिर्फ एक परंपरा नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और भव्यता का प्रतीक बनने जा रहा है। जय हिंद पुस्तकालय में आयोजित बैठक में युवा भारत ने कार्यक्रम की रूपरेखा तय की। इसमें महिलाओं की सुरक्षा, अनुशासन और विवाद रहित आयोजन पर विशेष बल दिया गया। बड़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति और उनका उत्साह इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने का संकेत दे रहा है।
भव्य आयोजन की रूपरेखा बनी
बैठक का संचालन राजकुमार पाठक की अध्यक्षता में हुआ। सबसे पहले रविराज ने आयोजन की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि चंदवा का रावण दहन केवल परंपरा नहीं, बल्कि इस क्षेत्र की पहचान है। इस मौके पर अमित गुप्ता और राजकुमार साहू ने युवाओं से अनुशासन और संयम बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि आयोजन ऐसा होना चाहिए जो आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बने और किसी विवाद से दूर रहे।
महिलाओं की सुरक्षा पर रहेगा जोर
कार्यक्रम की सफलता को लेकर युवाओं ने खासकर महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। श्रवण गुप्ता और सतीश प्रसाद ने स्पष्ट कहा कि तभी इस आयोजन को सफल माना जाएगा जब महिलाओं को सम्मानजनक और सुरक्षित वातावरण मिलेगा। इसके लिए विशेष स्थान और सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सहमति बनी, ताकि महिलाएं बिना किसी झिझक के पूरे कार्यक्रम का आनंद ले सकें।
अनुशासन की जिम्मेदारी 100 युवाओं पर
बैठक में कई युवा कार्यकर्ताओं ने आयोजन की सुरक्षा और अनुशासन को लेकर अपनी जिम्मेदारी जताई। रिंकू कुमार, रंजन सिंह, अंकित गोलू, दारा सिंह, संदीप रजक, कुणाल खत्री, रवि पांडुरंग, छोटू राजक और अक्षय यादव समेत दर्जनों युवाओं ने भरोसा दिलाया कि 100 युवाओं की एक विशेष टीम बनाई जाएगी। यह टीम पूरे आयोजन के दौरान सुरक्षा, व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखेगी, ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
श्रद्धांजलि और संकल्प का क्षण
बैठक के दौरान दिवंगत पूर्व 20 सूत्री अध्यक्ष सुरेश गंझु को भी याद किया गया। युवाओं ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर मौजूद सभी कार्यकर्ताओं ने माना कि सुरेश गंझु की निष्ठा और कार्यशैली युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
परंपरा को नई उड़ान देने की तैयारी
बैठक में मौजूद युवाओं ने एक स्वर में कहा कि इस बार का रावण दहन केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं रहेगा, बल्कि यह चंदवा की परंपरा को नई पहचान और नई उड़ान देगा। अनुशासन, सुरक्षा और भव्यता के साथ यह आयोजन न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक मिसाल बनेगा। युवाओं का जोश और उनकी एकजुटता इस पर्व को ऐतिहासिक दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाएगी।
न्यूज़ देखो: युवाओं ने दशहरा को बनाया सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक
यह खबर बताती है कि जब युवा पीढ़ी किसी आयोजन की कमान संभालती है तो परंपराओं को नई दिशा और नई ऊर्जा मिलती है। चंदवा का यह प्रयास अनुशासन, सुरक्षा और सामाजिक सम्मान का उदाहरण बनेगा। इस आयोजन के जरिए यह संदेश जाएगा कि उत्सव तभी सफल होते हैं जब उनमें सभी वर्गों की भागीदारी और सुरक्षा सुनिश्चित हो।
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त्योहार से सीखें अनुशासन और एकजुटता
अब समय है कि हम त्योहारों को केवल मनोरंजन का साधन न मानें, बल्कि उन्हें समाज को जोड़ने और सकारात्मक संदेश देने का अवसर बनाएं। आइए इस दशहरा पर अनुशासन और एकता का संकल्प लें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों और परिवार तक पहुंचाएं और जिम्मेदारी का हिस्सा बनें।