Garhwa

चार महीने से बंद वृद्धा पेंशन से बुजुर्ग भूख और बीमारी में संघर्ष कर रहे हैं

Join News देखो WhatsApp Channel
#गढ़वा #वृद्धा_पेंशन : परिहार पंचायत और आसपास के गांवों के बुजुर्गों को चार महीने से वृद्धा पेंशन नहीं मिली, जिससे जीवनयापन कठिन और आत्मसम्मान प्रभावित हुआ।
  • गढ़वा जिले के परिहार पंचायत में बुजुर्गों की पेंशन चार महीने से लंबित।
  • 78 वर्षीय अंबिका राम ने बताया कि पहले पेंशन से दवा और राशन चलता था, अब पड़ोसियों की मदद से ही पेट भरा जा रहा है।
  • कई बुजुर्ग बीमार हैं और दवा खरीदने के लिए भी सक्षम नहीं हैं।
  • मुंद्रिका चौधरी सहित अन्य बुजुर्ग सरकारी दफ्तरों में पेंशन के लिए थक चुके हैं।
  • प्रशासनिक लापरवाही से बुजुर्ग आत्मसम्मान खो रहे हैं और दूसरों के सामने मदद मांगने को मजबूर हैं।

गढ़वा जिले में परिहार पंचायत के बुजुर्ग अब चार महीने से वृद्धा पेंशन के इंतजार में हैं। इस लंबे समय से भुगतान न होने के कारण कई बुजुर्गों को भूख और बीमारी से जूझना पड़ रहा है। जहां पहले पेंशन से राशन और दवा की व्यवस्था हो जाती थी, अब कई लोग पड़ोसियों पर निर्भर हैं। वृद्धजनों का कहना है कि सरकारी योजनाएं कागजों में तो सक्रिय हैं, लेकिन जमीन पर उनकी वास्तविक स्थिति बेहद दर्दनाक है।

बुजुर्गों की व्यथा और संघर्ष

78 वर्षीय अंबिका राम ने बताया:

“पहले पेंशन से दवा और राशन दोनों चल जाता था, अब तो कुछ भी नहीं मिलता। कभी-कभी पड़ोसी थोड़ी बहुत मदद कर देते हैं, वरना भूखे पेट ही सोना पड़ता है।”

इसी तरह मुंद्रिका चौधरी और अन्य बुजुर्ग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं। वे थक चुके हैं और अब उनके पास इतना दम नहीं बचा कि फिर अधिकारियों के पास जाकर मदद मांग सकें।

एक बुजुर्ग ने कहा: “हमने ज़िंदगी भर मेहनत की, अब बुढ़ापे में दो रोटी भी सरकार से नहीं मिल पा रही है।”

वृद्धा पेंशन का लंबित रहना उनके जीवनयापन पर गंभीर असर डाल रहा है। कई बुजुर्ग बीमार हैं और दवा के लिए पैसा नहीं है। आत्मसम्मान टूट रहा है और वे दूसरों के सामने हाथ फैलाने को मजबूर हो रहे हैं।

प्रशासन और समाज की जिम्मेदारी

स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि यह स्थिति न केवल संवेदनाओं को झकझोरती है, बल्कि प्रशासन और समाज दोनों से सवाल करती है। यदि बुजुर्गों को समय पर पेंशन नहीं मिलेगी, तो उन्हें भूख और बीमारी में तड़पना पड़ेगा। उनका संदेश है कि प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और लंबित पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए।

बुजुर्गों का कहना है: “सरकार की योजनाएं कागजों में सक्रिय हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बहुत दर्दनाक है। हम चाहते हैं कि प्रशासन जल्द पेंशन भुगतान शुरू करे, ताकि जीवन के आखिरी पड़ाव में सम्मान के साथ रह सकें।”

न्यूज़ देखो: बुजुर्गों की भूख और बीमारी पर प्रशासन की जवाबदेही

गढ़वा की यह स्थिति दिखाती है कि वृद्धा पेंशन जैसी महत्वपूर्ण योजना का प्रभावी क्रियान्वयन कितना आवश्यक है। बुजुर्गों की समस्याओं को नजरअंदाज करना केवल उनकी पीड़ा बढ़ाता है। प्रशासन के लिए यह याद दिलाने वाला संदेश है कि योजनाओं का वास्तविक लाभ जमीन पर पहुंचाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बुजुर्गों के प्रति संवेदनशील बनें और सक्रिय हों

हमारे बुजुर्गों की सेवा और उनके अधिकारों की रक्षा समाज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। यह समय है कि हम न केवल समस्याओं की पहचान करें, बल्कि उन्हें हल करने में सक्रिय योगदान दें। अपनी राय कमेंट में साझा करें, इस खबर को शेयर करें और बुजुर्गों के सम्मान और जीवनयापन के लिए जागरूकता फैलाएं।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250604-WA0023 (1)
Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250925-WA0154
1000264265
20250923_002035
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250610-WA0011

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: