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नवजात को अस्पताल में भर्ती कर महिला हुई फरार, अब दावा कर रहा है गढ़वा का दंपती — सीडब्ल्यूसी ने डीएनए जांच शुरू की

फ़ाइल फ़ोटो

#पलामू #बाल_संरक्षण : एक महीने पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था नवजात, गढ़वा के दंपती ने अब बताया “हमारा बच्चा”

महिला द्वारा छोड़ा गया नवजात बना जांच का विषय

पलामू जिला अंतर्गत चैनपुर के एक निजी अस्पताल में एक माह पूर्व अजीबोगरीब मामला सामने आया, जब एक महिला खुद को सहिया बताते हुए नवजात शिशु को अस्पताल में भर्ती कर वहां से पैसे लाने की बात कहकर फरार हो गई। महिला की वापसी नहीं होने पर अस्पताल ने 112 पर सूचना दी, जिसके बाद समाज कल्याण विभाग और बाल कल्याण समिति (CWC) ने नवजात को रेस्क्यू कर मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया।

अब गढ़वा का दंपती कर रहा दावा

घटना के करीब एक सप्ताह बाद गढ़वा जिले के एक दंपती बाल कल्याण समिति सीडब्ल्यूसी, पलामू के समक्ष पहुंचे और नवजात को अपनी संतान बताया। दंपती का दावा है कि उन्होंने बच्चे को एक पड़ोसी महिला के भरोसे इलाज के लिए भेजा था, क्योंकि बच्चे की मां बीमार थीं और आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी। उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि महिला अस्पताल में छोड़कर गायब हो जाएगी

डीएनए जांच से होगा सच का पता

दंपती द्वारा नवजात पर दावा करने के बाद सीडब्ल्यूसी ने बच्चे और दंपती दोनों के डीएनए सैंपल लेकर रांची भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद ही तय किया जाएगा कि नवजात उस दंपती का है या नहीं। फिलहाल बच्चा “मिशन ऑफ चैरिटी” संस्था की देखरेख में रखा गया है।

सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने दी जानकारी

“सूचना मिली थी कि चैनपुर के अस्पताल में एक बच्चा है, वहां से रेस्क्यू किया गया था। रेस्क्यू के बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष लाया गया था और अस्पताल में इलाज के लिए रखा गया था। एक सप्ताह बाद एक दंपती आया और बच्चे पर अपना दावा पेश किया है। डीएनए सैंपल, जांच के लिए रांची भेजा गया है, रिपोर्ट आने के बाद मामले में निर्णय लिया जाएगा।”
शैलेंद्र नाथ चतुर्वेदी, अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी पलामू

न्यूज़ देखो: बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि

यह मामला बच्चों की सुरक्षा और समाजिक जिम्मेदारी की गहराई से पड़ताल करता है। चाहे किसी भी परिस्थिति में बच्चे को छोड़ना हो या जिम्मेदारी से भागना — समाज और तंत्र दोनों को सजग रहना होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पहचान और जिम्मेदारी – दोनों जरूरी

ऐसे मामलों में डीएनए जांच न्याय और सच्चाई की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जब बात मासूम की हो, तो हर प्रक्रिया में पारदर्शिता और संवेदनशीलता अनिवार्य है। न्यूज़ देखो अपील करता है कि हर नागरिक बाल संरक्षण को लेकर जिम्मेदार बनें।

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