#गढ़वा #सर्पदंश : बालेखाड़ गांव की घटना — रसोई का काम कर रही थी महिला, पैर में गंभीर जख्म, सदर अस्पताल में चल रहा इलाज
- बालेखाड़ गांव की 33 वर्षीय शांति देवी को घर में काम करते समय सांप ने काटा
- सदर अस्पताल में भर्ती, पैर में गंभीर जख्म, लेकिन स्थिति खतरे से बाहर
- परिजनों ने तत्परता दिखाई, समय पर अस्पताल पहुंचाने से जान बचाई जा सकी
- सर्पदंश की घटनाएं बरसात में बढ़ जाती हैं, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत
घरेलू काम के दौरान सांप ने डंसा
गढ़वा जिला के बालेखाड़ गांव में सोमवार को सर्पदंश की घटना सामने आई। गांव निवासी पप्पू राम की पत्नी शांति देवी (33 वर्ष) अपने घर में रसोई से जुड़ा कार्य कर रही थीं, तभी अचानक एक विषैले सांप ने उनके पैर में डंस लिया।
परिवार की तत्परता से बची जान
सांप के काटने की खबर मिलते ही परिजनों ने बिना देरी किए शांति देवी को गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों की टीम ने त्वरित इलाज शुरू किया। उनके पैर में सांप के दंश के कारण गहरा घाव पाया गया।
चिकित्सकों ने कहा— खतरे से बाहर
सदर अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार, समय पर इलाज मिलने के कारण शांति देवी की स्थिति अब खतरे से बाहर है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें सर्पदंश की दवा और आवश्यक चिकित्सा दी जा रही है।
डॉ. राजीव कुमार, ड्यूटी डॉक्टर ने कहा: “महिला को समय पर अस्पताल लाया गया, जिससे इलाज में सफलता मिली। पैर में घाव गहरा है लेकिन फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है।”
न्यूज़ देखो: बरसात में सर्पदंश से बचाव की जरूरत
‘न्यूज़ देखो’ अपने पाठकों को यह संदेश देना चाहता है कि मानसून के मौसम में सांपों की आवाजाही बढ़ जाती है, जिससे घरों और खेतों में सर्पदंश की घटनाएं आम हो जाती हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक और सतर्क रहना चाहिए। पहली प्राथमिकता होनी चाहिए कि झाड़-फूंक न कर, सीधे अस्पताल पहुंचें। इस घटना में परिवार की सचेतता और समय पर कदम ने एक जीवन बचाया।
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सावधानी और समय पर इलाज से बच सकती है जान
हम सभी को चाहिए कि अपने घरों और आसपास की जगहों को साफ-सुथरा रखें, और बच्चों व बुजुर्गों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दें। इस खबर को ज़रूर शेयर करें, ताकि अधिक से अधिक लोग सर्पदंश से जुड़ी जागरूकता प्राप्त कर सकें।
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