
#गुमला #जंगलीहमला : सुबह शौच के लिए निकली महिला पर जंगली भालू का भीषण हमला
- डुमरी थाना क्षेत्र के सिरमी ग्राम में सोमवार सुबह हादसा।
- 49 वर्षीय विरसो देवी पर जंगली भालू ने अचानक हमला किया।
- सिर की चमड़ी उखड़ी, बाईं आंख और गले में गंभीर चोट।
- ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरी में कराया प्राथमिक इलाज।
- बेहतर उपचार के लिए सदर अस्पताल गुमला रेफर किया गया।
सिरमी ग्राम में सोमवार सुबह एक दर्दनाक घटना हुई, जब 49 वर्षीय विरसो देवी पर एक जंगली भालू ने भीषण हमला कर दिया। महिला रोज की तरह सुबह करीब पांच बजे शौच के लिए घर से बाहर निकली थीं। अंबाटोली जाने वाले रास्ते पर अचानक भालू ने पीछे से हमला कर दिया। इस हमले में उनके सिर की चमड़ी उखड़ गई, बाईं आंख उलट गई और गले व कांख में गंभीर चोट आई। परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें तत्काल डुमरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। यह घटना इलाके में मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को फिर से सामने लाती है।
हमले का घटनाक्रम
सुबह करीब पांच बजे विरसो देवी घर से शौच के लिए निकली थीं। रास्ता सुनसान और झाड़ियों से घिरा हुआ था। इसी दौरान जंगली भालू ने झाड़ियों से निकलकर पीछे से हमला बोल दिया। महिला के पास बचने का कोई मौका नहीं था और भालू ने पंजों से सिर और आंख पर वार किया। महिला की चीख सुनकर पास के खेतों में काम कर रहे लोग और उनके परिजन दौड़े और शोर मचाकर भालू को भगाया।
ग्रामीणों की तत्परता से बची जान
गंभीर रूप से घायल विरसो देवी को ग्रामीणों और उपमुखिया जवाहर कवर की मदद से तत्काल डुमरी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत को देखते हुए गुमला सदर अस्पताल भेजा गया। समय पर इलाज और ग्रामीणों की तत्परता ने उनकी जान बचाई, हालांकि हालत अभी भी गंभीर है।
बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौती
गुमला और आसपास के जंगलों में पिछले कुछ महीनों में भालुओं की गतिविधियां बढ़ी हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जंगल में भोजन की कमी और मानवीय गतिविधियों के जंगलों में बढ़ते दखल के कारण भालू गांवों की ओर आने लगे हैं। प्रशासन और वन विभाग के लिए यह एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है, क्योंकि ऐसी घटनाएं सीधे मानव सुरक्षा से जुड़ी हैं।
प्रशासन और वन विभाग की जिम्मेदारी
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी भालू की मौजूदगी की सूचना दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस घटना के बाद अब इलाके में वन विभाग की गश्त बढ़ाने और ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है।
न्यूज़ देखो: जंगल और इंसान के बीच बढ़ता टकराव
यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि उस बढ़ते खतरे की चेतावनी है जिसमें ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग रोजाना जूझते हैं। वन विभाग को न सिर्फ सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने चाहिए, बल्कि गांवों में जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए ताकि लोग समय रहते सतर्क रह सकें।
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सजगता ही सुरक्षा की कुंजी
अब समय है कि हम सभी अपने आसपास के वातावरण को समझें और सतर्क रहें। वन्यजीवों से जुड़ी किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।