
#चैनपुर #स्वास्थ्य_समस्या : चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की नियमित अनुपस्थिति ग्रामीणों के लिए गंभीर समस्या।
- महिला सुगंधि देवी, उम्र 45 वर्ष, पति रामचंद्र महतो, बेंदोरा गांव की निवासी गंभीर स्थिति में अस्पताल लायी गई।
- घटना मंगलवार देर शाम लगभग 8 बजे हुई, महिला ठंड से बुरी तरह प्रभावित हुई थी।
- चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण महिला को बिना इलाज के गुमला रेफर किया गया।
- घटना पर कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद खलखो ने गहरा रोष व्यक्त किया।
- चैनपुर में अनुमंडल स्तरीय अस्पताल निर्माणाधीन, लेकिन 24*7 डॉक्टर सेवा अभी उपलब्ध नहीं।
चैनपुर। बेंदोरा गांव की 45 वर्षीय महिला सुगंधि देवी मंगलवार देर शाम ठंड की चपेट में आने के कारण गंभीर रूप से बीमार हो गई। दोपहर में वह धान मिसाई का काम कर रही थीं, अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे बेहोश हो गईं। परिजनों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा को सूचना दी और उन्हें चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) लाया गया।
सीएचसी पहुँचने पर डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण महिला को तुरंत गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। महिला के पति रामचंद्र महतो ने बताया कि उनकी पत्नी का स्वास्थ्य बहुत नाजुक था और उन्हें तुरंत चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता थी।
कांग्रेस का तीव्र विरोध
इस घटना पर कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद खलखो ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा:
प्रमोद खलखो ने कहा: “चैनपुर में अनुमंडल स्तरीय अस्पताल निर्माणाधीन है, लेकिन डॉक्टर की 24*7 सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रशासन को तुरंत यह व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।”
स्वास्थ्य सुविधा में सुधार की आवश्यकता
चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की नियमित अनुपस्थिति ग्रामीणों के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड जैसे मौसम में तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध न होना जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
प्रखंड और जिला प्रशासन को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की सशक्त व्यवस्था, डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति और आपातकालीन सहायता को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
न्यूज़ देखो: चैनपुर स्वास्थ्य व्यवस्था में गंभीर कमियां उजागर
सुगंधि देवी की घटना यह स्पष्ट करती है कि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर की अनुपस्थिति मरीजों के लिए गंभीर खतरा है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को आपातकालीन सेवाओं की तत्परता सुनिश्चित करनी चाहिए। ग्रामीण जनता के जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
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