
#गढ़वा #भाईदूज #गोवर्धन_पूजा : महिलाएं श्रद्धा भाव से भाई दूज और गोवर्धन पूजा कर परिवार और परंपरा का उत्सव मनाती हैं
- गढ़वा में भैया दूज और गोवर्धन पूजा का पर्व पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया।
- नगर की सभी महिलाओं और बहनों ने अपने भाइयों की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और मंगलमय जीवन की कामना की।
- महिलाएं प्रातः स्नान कर घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाती हैं और उसे फूल, दीपक, रोली, अक्षत व नैवेद्य से सजाती हैं।
- पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की जाती है और गोवर्धन पर्वत को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
- बहनों ने भाइयों का तिलक और आरती कर उनके उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना की।
- डुमरांव निवासी महिला अमिता गुप्ता ने बताया कि हर वर्ष दीपावली घर पर मनाने के बाद वह भाई दूज और गोधन पूजा के लिए गढ़वा जरूर आती हैं।
गढ़वा में गुरुवार को भैया दूज और गोवर्धन पूजा का पर्व पूरे धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह के साथ मनाया गया। नगर की महिलाएं सुबह प्रातः स्नान कर अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाती हैं, जिसे फूल, दीपक, रोली, अक्षत और नैवेद्य से सजाया जाता है। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर अन्नकूट भोग अर्पित किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के भोजन शामिल होते हैं।
भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का पर्व
पूजा-अर्चना के उपरांत बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं, आरती उतारती हैं और उनके उत्तम स्वास्थ्य, लंबी आयु तथा जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। नगर के हर घर में इस अवसर पर धार्मिक गीतों और मंत्रों के माध्यम से श्रद्धा और आस्था का माहौल रहा।
अमिता गुप्ता, डुमरांव निवासी ने कहा: “हर वर्ष दीपावली घर पर मनाने के बाद मैं भाई दूज पर अपने भाई से मिलने और गोधन पूजा करने के लिए गढ़वा जरूर आती हूं। यह परंपरा हमारे परिवार और समाज में भाई-बहन के प्रेम को जीवित रखती है।”
धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का संदेश
इस पर्व के दौरान नगर की महिलाएं सामूहिक रूप से पूजा करती हैं, जिससे न केवल धार्मिक परंपरा का पालन होता है बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी फैलता है। गोवर्धन पूजा के माध्यम से महिलाओं ने अपने भाइयों के प्रति सम्मान, आस्था और प्रेम का भाव व्यक्त किया। यह पर्व समाज में आपसी सहयोग, प्रेम और सौहार्द की भावना को प्रबल करता है।



न्यूज़ देखो: गढ़वा में भाई दूज और गोवर्धन पूजा पर महिलाओं ने श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया पर्व
यह कहानी दर्शाती है कि पारंपरिक रीति-रिवाजों और धार्मिक आयोजनों से भाई-बहन के रिश्तों में प्रेम और सामाजिक एकता को मजबूती मिलती है। नगर की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा दिया है।
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