
#गिरिडीह #महिला_सशक्तिकरण : जेएसपीएल समूह से जुड़ी महिलाओं ने प्रदर्शनी लगाई और आत्मनिर्भरता पर साझा किया अनुभव
- बगोदर प्रखंड के अटका पूर्वी पंचायत सचिवालय में महिला संकुल संगठन का वार्षिक कार्यक्रम।
- जेएसपीएल से जुड़ी महिलाओं ने प्रदर्शनी लगाकर आत्मनिर्भरता की दिशा दिखाई।
- जिप सदस्य दुर्गेश कुमार और कई जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में हुए शामिल।
- महिलाओं को लोन वितरण कर आत्मनिर्भर बनाने पर दिया गया जोर।
- बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी, अनुभव साझा कर बढ़ाया आत्मविश्वास।
गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड स्थित अटका पूर्वी पंचायत सचिवालय में शनिवार को मुंडरो आजीविका महिला संकुल संगठन स्वावलंबी सहयोग समिति के बैनर तले वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जेएसपीएल समूह से जुड़ी महिलाओं ने कई तरह की प्रदर्शनी लगाई और अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया, जिसके बाद महिलाओं ने अतिथियों और बैंककर्मियों का सम्मान किया।
महिलाओं की ताकत को मंच मिला
इस कार्यक्रम में जिप सदस्य दुर्गेश कुमार, मुखिया संतोष मंडल और पूर्व मुखिया प्रतिनिधि उमेश मंडल सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। महिलाओं ने अपने स्टॉल पर स्थानीय उत्पाद और आजीविका से जुड़ी सामग्रियों का प्रदर्शन किया। यह न सिर्फ उनकी आर्थिक भागीदारी का प्रमाण था बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में उनके बढ़ते कदमों का भी उदाहरण रहा।
जेएसपीएल की पहल
कार्यक्रम के दौरान जेएसपीएल पदाधिकारियों ने कहा कि महिलाओं को समूह से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। लोन वितरण कर समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से और मज़बूत किया जा रहा है, ताकि वे अपने परिवार और समाज के विकास में अहम भूमिका निभा सकें।
महिलाओं ने साझा किए अनुभव
जेएसपीएल समूह से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि इस मंच से उन्हें नए अवसर मिले हैं। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि समूह के सहयोग से अब वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें बीबी, गीता, कल्याणी, विनीता, खुशबू, शिखा, संध्या, अनीता, रीता, नीतू पाण्डे, कालिका, सोनाली, संजू, संतोषी, ललिता, सुविता, बसंती और मीरा जैसी सक्रिय सदस्य भी मौजूद थीं।

न्यूज़ देखो: महिलाओं की प्रगति का बदलता परिदृश्य
ग्रामीण स्तर पर महिला समूहों की यह भागीदारी बताती है कि जब अवसर और संसाधन मिलते हैं तो महिलाएं अपनी दिशा खुद तय कर सकती हैं। आत्मनिर्भरता की यह यात्रा न केवल परिवार बल्कि समाज को भी नई मजबूती देती है।
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आत्मनिर्भर महिला ही बदल देगी समाज की तस्वीर
अब समय है कि समाज हर महिला को उसके हुनर को निखारने और अवसर देने में सहयोग करे। महिलाएं ही परिवार और समाज की असली धुरी हैं। आइए इस पहल को और मजबूत करें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।